बीकानेर Abhayindia.com राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र बीकानेर का 36वाँ स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर केंद्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ. एस. सी. मेहता ने कहा कि पिछले एक वर्ष में इस केंद्र ने राष्ट्रीय स्तर के कई अनुसंधान कार्य किए हैं एवं कई पुरस्कार भी जीते हैं। इस एक वर्ष में केंद्र ने देश को घोड़ों की आठवीं नस्ल “भीमथड़ी” दी। साथ ही मारवाड़ी घोड़ों के संरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर का “नस्ल संरक्षण पुरस्कार” जीता। इसके अलावा हाल में “राज शीतल” नाम की बच्ची का जन्म विट्रीफाइड भ्रूण प्रत्यर्पण तकनीक से हुआ।
डॉ. मेहता ने केंद्र की उपलब्धियों के साथ-साथ घोड़े को आम जनता से जोड़ने के जो प्रयास पिछले 5-6 वर्षों किए गए, उनके बारे में बताते हुआ कहा कि यहां अश्व पर्यटन प्रारंभ किया गया है। अश्व प्रतियोगिताएं को “अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव” में सम्मिलित करवाया गया। एनसीसी के साथ अश्व खेलों का आयोजन भी करवाया गया। आज की अश्व प्रतियोगिताएँ भी उसी दिशा में बढाया गया एक कदम है।
राजुवास एवं महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफसर मनोज दीक्षित ने कहा कि अक्सर अनुसंधान संस्थाओं का आम जनता से जुडाव कम होता है लेकिन आपके संस्थान ने यह कार्य अच्छा कर रखा है। उन्होंने इस प्रकार के आयोजनों को इवेंट के रूप में आयोजित करने पर बल दिया एवं अपने आप को ग्लोबल वर्ल्ड में स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया एवं नवीन तकनीकों का प्रयोग करने पर बल दिया।
इस अवसर पर अतिथियों ने डॉ मेहता द्वारा संपादित दो महत्वपूर्ण प्रकाशनों का विमोचन भी किया। मुख्य कार्यक्रम से पूर्व अश्व प्रतियोगिताएँ करवाई गई। अश्व प्रतियोगिताएं के बारे में जानकारी देते हुए डॉ रमेश देदड़ ने बताया कि घोड़ियों में भव्या बीकानेर प्रथम स्थान पर रही। द्वितीय स्थान पर पंकज दीपावत एवं बाबूदान की घोड़ियां रही। अच्छा घोड़ा श्रेणी में प्रथम स्थान पर अजित सिंह आडसर का घोड़ा एवं द्वितीय स्थान पर प्रदीप सिंह चौहान का घोड़ा रहा। सर्वश्रेष्ठ फिली अजय आचार्य की रही।
अश्व प्रतियोगिताओं के निर्णायक प्रो. प्रवीण बिश्नोई, जोरावर सिंह चौहान एवं प्रो. राजेश नेहरा थे। सभी निर्णायकों ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। केंद्र के पूर्व प्रभारी डॉ एसएन टंडन ने भी सभी को संबोधित किया।कार्यक्रम में केंद्र के डॉ. टी. राव ताल्लुड़ी को सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक, डॉ जितेन्द्र सिंह एवं ओम प्रकाश को सर्वश्रेष्ठ तकनीकी अधिकारी एवं अशोक कुमार को सर्व श्रेष्ठ सहायक कर्मचारी का पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम में वैज्ञानिक अश्वपालक बैठक का आयोजन डॉ राव एवं डॉ कुट्टी द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन कमल सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अश्व पालकों एवं केंद्र के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों ने भाग लिया।