बीकानेर abhayindia.com राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए अब व्यापारी भी लामबंद हो गए है। बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल द्वारा इस दिशा में सामूहिक करने का निर्णय लिया गया है। मंगलवार को मंडल अध्यक्ष जुगल राठी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर सर्वसम्मति से निर्णय किया गया।
राठी ने बताया कि राजस्थानी भाषा आजादी से पूर्व राजस्थान, मालवा आदी की राजभाषा थी। राजस्थानी भाषा की शैलियों में हस्तलिखित लिखे ग्रन्थ प्रकाशन के लिए इसकी संवैधानिक मान्यता का इंतजार कर रहे है। मंडल सचिव विरेन्द्र किराडू ने बताया कि राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए प्रदेश लम्बे समय से संघर्षरत है। उन्होंने बताया कि बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल विभिन्न चरणों में इसे आंदोलन का रूप देकर केन्द्र सरकार तक प्रदेश के लोगों की भावनाओं को पहुंचाने का काम करेगा।
किराडू ने बताया कि बुधवार से पोस्टकार्ड अभियान शुरू होगा। सर्वप्रथम बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल की सहभागी संस्थाओं के माध्यम से पोस्टकार्ड अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद अन्य संस्थाओं एन.जी.ओ. आदि को भी इससे जोड़ा जाएगा। जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष डी. पी. पच्चीसिया ने बताया कि राजस्थान भाषा को आठवीं अनुसूची में जोड़ने के लिए संकल्प प्रस्ताव भी वर्ष 2003 में भेजा जा चुका है जो केन्द्र में लंबित है। मंडल प्रचार मंत्री दिलीप पारीख ने बताया कि राजस्थानी भाषा समृद्धशाली भाषा है।
उन्होंने बताया कि इस भाषा को संवैधानिक मान्यता मिलने के बाद ऐसे बेरोजगारों को वृहद स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध हो सकेंगे, जिन्होंने इस भाषा में दक्षता हासिल की है। बैठक में के.के. मेहता, अब्दुल मजीद खोखर आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
बॉर्डर पर पकड़ा गया पाकिस्तानी कबूतर ऐसे कर रहा ठाठ, आज बीकानेर आएगा….