Sunday, April 20, 2025
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वाहनों में नियम विरुद्ध एसेसरीज लगाने वाले विक्रेताओं की अब खैर नहीं

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बीकानेर abhayindia.com जिले में बिकने वाले दो पहिया और चार पहिया वाहनों में नियम विरुद्ध एसेसरीज लगाने वाले विक्रेताओं पर अंकुश लगाने के लिये अब परिवहन विभाग को कार्यवाही का अधिकार दिया गया है।  जिसको लेकर परिवहन मंत्रालय के नए नियमों के तहत अब एसेसरीज विक्रेताओं को विक्रय के लिए परिवहन विभाग से अनुमति लेनी होगी। उन्हें विभाग को बताना होगा कि वह सिर्फ वही एसेसरीज बेचेंगे जो नियमों के दायरे में आती हैं। अगर फिर भी कोई दुकानदार नियम तोड़ते पाया जाएगा तो उसके खिलाफ केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के तहत कार्रवाई की जाएगी। परिवहन मंत्रालय के इस नियम से ऑटो पार्टस दुकानदारों में खलबली सी मची हुई है।

नियम का पालन कराने का जिम्मा संबंधित इलाके के जिला परिवहन अधिकारी का होगा। अब तक परिवहन विभाग सड़क पर दौडऩे वाले वाहनों में हूटरकाली फिल्मबंपर गार्ड लगे होने पर वाहन मालिकों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई करता था। लेकिन अब इस तरह के एसेसिरीज बेचने वाले दुकानदारों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। यह आदेश परिवहन मंत्रालय ने जारी किया है। जिसके तहत अब ऑटो पाट्र्स बेचने वाले दुकान संचालकों को आरटीओ से पंजीयन भी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। बिना पंजीयन चलने वाली दुकानों के खिलाफ केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी में रहे कि जिले समेत प्रदेश में पिछले कुछ वषों में मोटर्स एसेसरीज का कारोबार बढ़ा है। मोटर पार्टस बेचने वाले वाहन चालकों को तरह-तरह के एसेसरीज से लुभाकर उनके वाहनों में लगा देते हैंजिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ता है। इस संबंध में परिवहन विभाग ने नया आदेश जारी किया गया है। अब पंजीयन विभाग एसेसरीज बेचने वाले दुकानों का न सिर्फ जांच की जाएगीबल्कि इन दुकानों का रजिस्ट्रेशन भी किया जाएगा। रजिस्ट्रेशन के तहत दुकानदार अनुबंधित रहेगा कि वह केवल उन्हीं ऑटो पार्टस को बेच सकेंगेजो सरकार द्वारा मान्य है। ऐसा नहीं करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

50 प्रतिशत से अधिक होता है मुनाफा

मोटर पार्टस की दुकानों पर डुप्लीकेट्स पार्टस और एसेसरीज बेचने के पीछे सबसे बड़ी वजह मुनाफा है। जिसका प्रतिशत 50 से 70 तक है। सबसे ज्यादा कमाई एसेसरीज में होती है। युवा शौक के चक्‍कर में अपनी मनपसंद एसेसरीज के मनमाने दाम चुकाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा बिक्री अजीब आवाजों वाले साइलेंसर्सहॉर्न के साथ एलईडी लाइट्स की होती हैं। जो कभी भी लोगों का ध्यान भटका सकती हैं। यातायात पुलिस के अनुसार तेज आवाज के हॉर्नसाइलेंसर और तेज रोशनी वाली एलइडी की अतिरिक्त लाइटें दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण बनती हैं।

जिले में करीब एक हजार से अधिक हैं दुकानें

जिले में ऑटो पार्टस की कितनी दुकाने हैंइसकी जानकारी परिवहन विभाग के पास नहीं है, लेकिन अब परिवहन विभाग को इसका हिसाब रखना होगा। क्योंकि परिवहन मंत्रालय ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। परिवहन विभाग दुकानदारों तक यह आदेश पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है। बताया गया है कि जुलाई माह के अंत तक ऑटो पार्टस बेचने वाले सभी दुकानदारों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

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