जयपुर/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। एससी-एसटी एक्ट संशोधित बिल 2018 के विरोध में गुरुवार को राजस्थान बंद का आह्वान किया गया है। बंद को सफल बनाने के लिए प्रदेश, संभाग और तहसील स्तर पर टीमों का गठन किया गया है। मंगलवार को राजधानी जयपुर में आयोजित एक धर्मसभा में सर्व समाज संघर्ष समिति की ओर से राजस्थान बंद का आह्वान किया गया। धर्मसभा में प्रदेश भर से आए लोगों ने शिरकत की। इधर, बीकानेर में भी एससी-एसटी एक्ट में संशोधन बिल के विरोध में सर्व समाज संघर्ष समिति ने अब सड़कों पर उतरने की तैयारी कर ली है। समिति की ओर से छह सितंबर को राजस्थान बंद की घोषणा की गई है। मंगलवार को समिति की बैठक में यह निर्णय हुआ। वक्ताओं ने केंद्र के इस कदम को अधर्म और अनीतिपूर्ण बताया। साधु-संतों ने भी इसमें समर्थन दिया है। राजधानी जयपुर में मंगलवार को सर्व समाज संघर्ष समिति की ओर से रामलीला मैदान में ‘अधर्म व अन्याय के विरूद्ध धर्मसभाÓ का आयोजन किया गया। सभा में संतों ने एससी-एसटी एक्ट संशोधित बिल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना के विरोध में गुरुवार को राजस्थान बंद का आह्वान किया। केंद्र सरकार को कोसते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी कई आरोप लगाए। कार्यक्रम संयोजक अनिल चतुर्वेदी ने बताया कि संतों के साथ ही हेमलता शर्मा, पराशर नारायण शर्मा, भंवर सिंह रेटा, पंकज, डॉ. रवि शर्मा, रामअवतार गोयल ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि सभी को समान रूप से जीने का हक है। समाज को तोडऩे की बजाय जोडऩे की राजनीति करनी चाहिए। आचार्य गणेश शंकर शास्त्री ने कहा कि हमें बच्चे कभी माफ नहीं करेंगे। इसके लिए हमें आगे आना पड़़ेगा। संतों के सान्निध्य में मंच से बंद का आह्वान करता हूं। पीठाधीश्वर पचार राघवेन्द्र आचार्य ने कहा कि राम मंदिर मामले में कोर्ट के फैसले का इंतजार है और जब दलितों की बात आई तो फैसला ही बदल दिया। प्रज्ञानंद महाराज ने कहा कि जिन लोगों को हमने ताज, यश और ऐश्वर्य दिया, उन्हीं लोगों ने हमें दगा दिया। समता आंदोलन भी साथ समता आंदोलन ने भी किया बंद का आह्वान किया है। समता आंदोलन समिति की ओर से छह राष्ट्रवादी मांगों के समर्थन में छह सितंबर को राजस्थान बंद का आह्वान किया गया है। अध्यक्ष पाराशर नारायण ने बताया कि समता आंदोलन समिति प्रदेश, संभाग, तहसील स्तर पर संपर्क कर बंद को सफल बनाएगी। समिति की ओर से एससी, एसटी अत्याचार संशोधन अधिनियम 2018 निरस्त करने, एससी, एसटी से क्रिमीलयेर को बाहर करने, पदोन्नति में जातिगत आरक्षण को बंद करने, पीडि़त सामान्य और ओबीसी को मुआवजा देने, चुनावों में सीटों का अविधिक आरक्षण बंद करने, समता विधायक सलाहकार परिषद को कानूनी मान्यता देने की मांग की जा रही है। |
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एससी-एसटी बिल के विरोध में राजस्थान बंद की तैयारियां तेज
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