




जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस के अंदरखाने में विधायकों में चल रही नाराजगी आखिरकार पार्टी के खुले अधिवेशन में सामने आ गई। अधिवेशन में पार्टी के नेताओं ने नौकरशाहों पर कार्यकर्ताओं के काम नहीं करने और उन्हें अहमियत नहीं देने के खूब आरोप लगाए। इसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक्शन मोड में आ गए हैं।
बताया जा रहा है कि सीएम गहलोत ने अधिवेशन में आए सुझावों पर अमल करते हुए नौकरशाहों पर अभी से ही लगाम कसने की तैयारी कर ली है। कुछ ऐसे अधिकारियों की सूची भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं के काम नहीं करते हैं और उनके काम अटकाते हैं। यह भी बताया जा रहा है कि जल्द ही ऐसे अधिकारियों की सूची तैयार करके मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी।
इधर, सीएम गहलोत ने मुख्य सचिव उषा शर्मा को भी निर्देश दिए हैं कि जिला कलेक्टर और संबंधित विभागों के अधिकारियों के पास अगर कांग्रेस कार्यकर्ता अपना काम लेकर आते हैं तो उनके कामों को प्राथमिकता दी जाए और उनकी समस्या का समाधान करके उसकी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री को भेजी जाए। सीएम ने मुख्य सचिव को यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी जिला कलेक्टर और अन्य अधिकारियों को भी इस तरह के मौखिक आदेश जारी किया जाएं।
आपको बता दें कि साल 2023 में विधानसभा के चुनाव होने हैं और इधर, कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं में स्वयं के काम नहीं होने से कार्यकर्ताओं में सरकार को लेकर ही अंदर खाने नाराजगी बढ़ती जा रही है। सरकार को अब डर इस बात का था कि अगर कार्यकर्ताओं में नाराजगी बढ़ती गई तो फिर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी और सरकार दोनों को संकट का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने के लिए उनके काम काज किए जाएं और उनकी नाराजगी दूर की जाए। इसी क्रम में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जल्द मंत्री दरबार शुरू होगा। इससे पहले कोरोना के चलते मंत्री दरबार स्थगित कर दिया गया था। कोरोना संक्रमण के मामले कम होने के बाद फिर से मंत्री दरबार शुरू किया जाएगा। इसके लिए जल्दी ही प्रदेश कांग्रेस की ओर से मंत्री दरबार का शेड्यूल भी जारी किया जाएगा।
गैर अनुमोदित कॉलोनियों में मकानों के पट्टे जारी करने की तैयारी





