जयपुर Abhayindia.com राजस्थान विधानसभा चुनाव में करीब नौ महीने और शेष है। ऐसे में सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए विभिन्न संगठन मुखर होने लगे है। इस बीच, नियमितीकरण नहीं होने से नाराज प्रदेश के करीब एक लाख से ज्यादा संविदा कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन के मूड में नजर आ रहे है। संविदा कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार ने नियमित करने का वादा किया था लेकिन साढ़े चार साल बीतने के बावजूद अभी तक भी नियमित नहीं किया गया है।
संयुक्त संविदा मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष नरेंद्र चौधरी ने बताया कि प्रदेश में 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदा कर्मचारी हैं जो लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सरकार के नुमाइंदों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं लेकिन गहलोत सरकार ने राजस्थान कांट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट नियम 2022 के तहत एक्सपीरियंस की गणना करने और नियमितीकरण सर्कुलर जारी नहीं किया है, जिससे संविदा कर्मियों में आक्रोश है। संभाग मुख्यालय पर चेतावनी रैली निकाली जाएगी और उसके बाद 25 अप्रेल को राजधानी जयपुर के शहीद स्मारक पर पैदल मार्च निकाला जाएगा जिसमें हजारों की संख्या में संविदा कर्मचारी शामिल होंगे और यहीं से अनिश्चितकालीन आंदोलन की शुरुआत भी हो जाएगी।
चौधरी ने बताया कि संविदा कर्मचारियों में इस बात को लेकर भी सरकार को लेकर नाराजगी है कि मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने बजट भाषण पर 2023- 24 में संविदा कर्मियों के एक्सपीरियंस की गणना अन्य सेवा से आईएएस सलेक्शन पैटर्न के बेसिस पर करने की घोषणा की थी, जिसमें अनुभव के 3 वर्ष को 1 वर्ष माना जाता है, इसे उसको लेकर भी कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। सरकार अगर आईएस पैटर्न फॉर्मूला अपनाती है तो तो मुश्किल से 10 हजार संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण हो पाएगा बाकी 1 लाख संविदा कर्मचारी नियमित होने से वंचित हो जाएंगे।