बीकानेर Abhayindia.com श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्रीसंघ द्वारा तपस्वियों का बहुमान एवं स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति प्रस्तुतियों का आयोजन रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ संघ अध्यक्ष रिखबचंद सिरोहिया, कोचर मंदिरात ट्रस्ट अध्यक्ष किशोर कोचर व डॉ. निर्मला शर्मा ने झंडारोहण कर किया। इस दौरान राष्ट्रगान व देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी गई।
साध्वी सौम्यप्रभा, साध्वी सौम्यदर्शना, साध्वी अक्षयदर्शना, साध्वी परमयशा के सान्निध्य में पूजा मनीष कोचर के अठई तप सहित अन्य तपस्वियों का अभिनंदन मुख्य लाभार्थी परिवार के पुष्पादेवी व कुसुम जैन बद्धाणी परिवार द्वारा किया गया। श्रीफल की प्रभावना के कन्हैयालाल सुशील कुमार कोचर परिवार लाभार्थी रहे। प्रतियोगिता में ताजमल अबीरचंद कोचर (कटक वाले) परिवार द्वारा विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए तथा सुरेन्द्र कोचर द्वारा सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया गया। प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका कलाकार भरत राजपुरोहित व शिक्षाविद् डॉ. निर्मला शर्मा द्वारा निभाई गई। संचालन संजय कोचर व जितेन्द्र कोचर द्वारा किया गया।
यह प्रतिभागी हुए पुरस्कृत
स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित प्रतियोगिता में कनिष्ठ वर्ग में ऐश्वर्या कोचर प्रथम, मान्या भुगड़ी द्वितीय, निशि कोचर तृतीय स्थान पर रही। वरिष्ठ वर्ग में तेजल कोचर प्रथम, खनक कोचर द्वितीय, नेहल जैन तृतीय तथा अनंत कोचर को भी तृतीय स्थान पर चुना गया। इसके अलावा प्रतियोगिता में भूमित कोचर, लब्धि कोचर, समायरा बैद, हीर कोचर, डिम्पी कोचर, धैर्य कोचर, मनस्वी बैद, सनाया कोचर, विहान कोचर, प्रकुल डागा, मनन नाहटा, सुविधि कोचर, भव्य कोचर, हिमांक कोचर, सौम्य कोचर, तन्वी कोचर, चयन कोचर, दिव्यांशी कोचर, संयम कोचर, सिद्धान्त बांठिया, काव्या नाहटा, प्रियांश कोचर को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
उपदेश से पहले आचरण बेहद जरुरी : साध्वी सौम्यदर्शना
प्रवचनमाला के क्रम में साध्वी सौम्यदर्शना ने कहा कि जो व्यक्ति अपने परिवार की मर्यादा का पालन नहीं करता उसके जीवन में कभी सुख-शांति नहीं रहती। उपदेश से पहले आचरण करना बेहद जरुरी है। उन्होंने कहा कि घर-परिवार सुधरेगा तो समाज सुधरेगा और समाज सुधरेगा तो देश अपने आप ही समृद्ध हो जाएगा। इससे पूर्व साध्वी अक्षयदर्शना ने कहा कि जागृत हो जाओ, संभल जाओ, समय का सद्पयोग करो। हमारी दिनचर्या, खान-पान व रहन-सहन सब अव्यवस्थित हो गया है। भोजन के समय सोना और सोने के समय भोजन करना हमारी दिनचर्या नहीं होनी चाहिए। समय के अनुसार ही सब काम होने चाहिए, यहां तक की बिना समय हंसना व बिना समय बोलना भी नुकसानदाय साबित हो सकता है। मंगलवार को शांतिलाल विक्रम सिंघवी कुचेरा वालों द्वारा संघ पूजा का लाभ लिया गया।