








जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में निजी बस ऑपरेटर्स और ट्रक ऑपरेटर्स के बीच तनातनी कम होने का नाम नहीं ले रही। आपको बता दें कि बीते दिनों गहलोत सरकार ने निजी बस मालिकों की मांग पर बसों को भी सामान ढोने की अनुमति दे दी।
ट्रक यूनियन को ऐतराज ये है कि अगर बसों पर सामान ढोया गया तो ट्रकों को कौन पूछेगा और उनकी आय भी प्रभावित होगी। अपनी इस मांग को लेकर ट्रक यूनियन ने ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से मुलाकात भी की लेकिन, कमिश्नर ने पल्ला जाड़ते हुए कहा कि ये सरकार का फैसला है और वो कुछ नहीं कर सकते है। अब सरकार से अपनी मांग मनवाने के लिए ट्रक यूनियन हड़ताल करने जा रही है। 6 अगस्त को ये हड़ताल सांकेतिक होगी और उसके बाद बड़े आंदोलन की रूप रेखा तैयार करने की योजना है।
इधर, निजी बस ऑपरेटर्स का कहना है कि अगर वो सवारियां ढोने के साथ-साथ कुछ अतिरिक्त आय कानूनी तौर पर अर्जित कर रहे हैं तो किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। बस यूनियन की मानें तो वो भारी सामान को नहीं ढोते बल्कि हल्के-फुल्के सामान को बसों की छतों पर लाद कर ले जाते हैं और वो इसके लिए परिवहन विभाग को शुल्क भी अदा करते हैं।





