Sunday, December 29, 2024
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अदालत के आदेश की पालना कराने सीएम से फिर मिलेंगे शिक्षक

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सुरेश बोड़ा/जोधपुर/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। पेंशन के संबंध में राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की पालना कराने के लिए प्रदेश के समायोजित शिक्षाकर्मी एक बार फिर सीएम वसुंधरा राजे से मिलेंगे। यह निर्णय राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसायटी अजमेर की शुक्रवार को जोधपुर में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में किया गया। बैठक में यह भी निर्णय किया गया कि सरकार राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ यदि सर्वोच्च न्यायालय जाती है तो शिक्षक भी हार नहीं मानेंगे। वे भी सर्वोच्च न्यायालय में केविएट दायर करेंगे। बैठक में सीएम वसुंधरा राजे से दोबारा मिलने तथा केविएट दायर करने की तैयारियों के लिए एक सात सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है।

कमेटी में सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया, प्रदेश संयोजक गोपाल छंगाणी, प्रदेश महामंत्री शिवशंकर नागदा, अजय पंवार, डॉ. संपतराम चिरानिया, डॉ. सुनीता पालावत, डॉ. ईश्वर सिंह शेखावत को शामिल किया गया। इसके अलावा दो सदस्यीय सलाहकार कमेटी बनाई गई है, इसमें एम. सी. मालू तथा महेशचंद्र स्वर्णकार को शामिल किया गया है।

सोसायटी के प्रदेशाध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया ने ‘अभय इंडिया’ को बताया कि समायोजित शिक्षाकर्मियों को पेंशन देने के राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश की पालना कराने की मांग को लेकर हम गत 21 मार्च को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से उनके निवास पर मिले थे। तब मुख्यमंत्री ने हमें इस मामले में सकारात्मक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था। इस बीच हमें पता चला है कि सरकार राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर कर सकती है। ऐसे में हमने फिर से मुख्यमंत्री से मिलने का निर्णय किया है। बुगालिया ने कहा कि हमें विश्वास है कि शिक्षकों की इस जायज मांग को लेकर सरकार संवेदनशीलता दिखाएगी। बुगालिया ने यह भी कहा कि यदि सरकार का रुख सकारात्मक नहीं रहता है तो सोसायटी सर्वोच्च न्यायालय में केविएट लगाएगी।

इधर, सोसायटी के बीकानेर जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश बाना ने बताया कि जोधपुर में हुई बैठक में सोसायटी के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने पेंशन के मामले में एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया है। बैठक में हुए निर्णयों की विस्तृत विवेचना के लिए आगामी रविवार को बीकानेर में बैठक रखी गई है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने गत एक फरवरी को एक महत्वपूर्ण फैसले में समायोजित शिक्षाकर्मियों को पुरानी पेंशन स्कीम के तहत पेंशन पाने का हकदार बताया था। अब इस मामले की गेंद सरकार के पाले में हैं। अब देखना यह है कि सरकार इस मामले में अंतिम रूप से क्या रुख दिखाती है।

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