आखातीज को स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त में खरीदारी, शुभ कार्य और विवाह के लिए सर्वश्रेष्ठ योग है। अक्षय तृतीया 18 अप्रैल 2018 को है। इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग है और साथ मे परशुराम जयंती भी है। ये संयोग खरीदारी के साथ साथ शुभ कार्य, गृह प्रवेश, उपनयन संस्कार और विवाह आदि कार्यो के लिए दोहरी श्रेष्ठता वाला रहेगा। अक्षय तृतीया का स्वयं सिद्ध मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है। इस दिन बिना कोई पंचांग देखे कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य कर सकते है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन किया गया जप, तप, हवन, स्वाध्याय और दान भी अक्षय हो जाता है। अक्षय तृतीया का शाब्दिक अर्थ जिस तिथि का क्षय न हो। अक्षय तृतीया को शास्त्रों में अक्षय पुण्य और धन दायक कहा गया है। अक्षय तृतीया पर स्वर्ण, वस्त्र, वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान की खरीदारी अतिउत्तम रहेगी।
अक्षय तृतीया में विवाह के मुहूर्त भी है, जो कि 10 रेखीय सावा है। इस दिन दान देने वाली वस्तु पूर्ण जल भरा हुआ घड़ा, पंखा, गेहूं, चावल, नमक, घी, शक्कर, सब्जी, इमली, फल, वस्त्र, छाता, दही, शरबत, दक्षिणा, दान देनी चाहिए एवं मसूर चना, मांस-मदिरा, का त्याग करना चाहिए और साथ मे विष्णु भगवान का पूजन भी विधि विधान से करना चाहिए। -पंडित गिरधारी सूरा (पुरोहित), ९९५०२१५०५२