अधिमास के चलते इस बार सावन 18 दिन की देरी यानी 28 जुलाई से शुरू होगा तथा 26 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व के साथ सम्पन्न होगा। हालांकि इस बार का सावन 28, 29 दिन की बजाय पूरे 30 दिन का रहने वाला है। जानकारों की मानें तो पिछले साल सावन का आगाज 10 जुलाई और समापन 7 अगस्त को हुआ था। ऐसे में केवल 29 दिन का ही सावन रहा था।
इस बार सावन महीना कुछ ज्यादा ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि ज्येष्ठ अधिकमास के बाद सावन पूरे 30 दिन का होगा। यह संयोग 19 साल बाद पड़ रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार पंचांग की तिथि गणना के अनुसार इस बार सावन माह में दूज दो दिन रहेगी। कृष्ण पक्ष में दूज 29 और 30 जुलाई दोनों ही दिन रहेगी। वहीं एकादशी तिथि का क्षय होने से एकादशी व्रत 7 अगस्त को रहेगा, लेकिन वैष्णव सम्प्रदाय के लोग इसके बाद 8 अगस्त को द्वादशी मनाएंगे।
चंद्रग्रहण 27 जुलाई को
आगामी 27 जुलाई को चंद्रग्रहण 11.54 से अपराह्म 3.49 तक रहेगा। इसी प्रकार 2.54 से सूतक शुरू होंगे। गुरुपूर्णिमा वाले दिन लगने वाला यह चंद्रग्रहण 235 मिनट तक रहेगा। इस दिन जप-तप व दान के लिए विशेष महत्व रहेगा। वहीं गुरुपूर्णिमा एवं संबंधित गुरु-पूजन आदि ग्रहण के सूतक शुरू होने से पहले ही सम्पन्न करना होगा।
सावन का पहला सोमवार 30 को
28 जुलाई से शुरू हो रहे पवित्र सावन माह का पहला सोमवार 30 जुलाई को आएगा। इसके बाद 6, 13 अगस्त और फिर आखरी सोमवार 20 अगस्त को रहेगा। ऐसे में सावन के इन चार सोमवार को महिलाओं की ओर से भगवान शिव की आराधना की जाएगी। मान्यता है कि सावन के सोमवार व्रत रखने व शिवलिंग पर जल चढ़ाने से घर में सुख समृद्धि आती है।
हरियाली अमावस्या 11 अगस्त को
11 अगस्त के हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी। इसे सावन महीने का पहला बड़ा त्योहार माना जाता है। सालों बाद यह योग बन रहा है। हरियाली अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है। हरियाली अमावस्या के बाद हरियाली तीज का व्रत 13 जुलाई को रहेगा। 15 अगस्त को देशभर में स्वतंत्रता दिवस के साथ इस बार नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। वहीं 26 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व रहेगा।