बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। हड्डियां कमजोर होने या रीढ की हड्डी में फैक्चर के कारण यदि आप असहनीय दर्द से परेशान है तो अब आपको इससे पूरी तरह निजात मिल सकती है। बीकानेर में बिना चीर-फाड़ किए अत्याधुनिक बैलून काइफोप्लास्टी तकनीक के जरिये सूक्ष्मतम चीरे से इसका इलाज किया जा रहा है। यहां जयनारायण व्यास कॉलोनी स्थित श्रीकृष्णा न्यूरोस्पाईन एण्ड मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जन डॉ. अरुण तुनगरिया ने आधुनिक तकनीक से एक मरीज का सफल ऑपरेशन किया है।
डॉ. तुनगरिया ने ‘अभय इंडिया’ को बताया कि चूरू निवासी 50 वर्षीय महिला कुछ दिन पहले पैर फिसलने से गिर गई थी, जिससे उसकी रीढ की हड्डी में फैक्चर हो गया था। महिला का एक्स-रे करवाने पर पता चला की हड्डी में कैल्शियम की कमी की वजह से काफी कमजोरी थी और इसी वजह से थोड़ी सी चोट से ही फैक्चर हो गया। इस स्थिति को ऑस्टियोप्रोसिस (हड्डी में कैल्शियम की कमी) कहते है। भारत में 35-40 वर्षीय महिलाओं में लगभग 20 प्रतिशत में ऑस्टियोप्रोसिस की बीमारी पाई जाती है। इस स्थिति में हड्डी का फैक्चर होता है, खासकर रीढ की हड्डी में ये आम बात है।
डॉ. तुनगरिया ने बताया कि इस तरह के फैक्चर से काफी दर्द होता है व मरीज को लंबे समय तक आराम करना पड़ता है, लेकिन अब बीकानेर में अत्याधुनिक बैलून काइफोप्लास्टी तकनीक से इसका सफल इलाज किया जा रहा है। इस तकनीक में मरीज को बड़ा चीर-फाड़ का ऑपरेशन नहीं करवाना पड़ता, बल्कि सूक्ष्मतम चीरे से हड्डी में बोन सीमेट भर दी जाती है। इससे कमजोर टूटी हुई हड्डी फिर से मजबूत हो जाती है तथा दर्द से भी तुरंत आराम मिल जाता है।
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