आमतौर पर पितृपक्ष के समाप्त होते ही अगले दिन नवरात्रा आरंभ हो जाता है, लेकिन अबकी बार अद्भुत योग बनने के कारण ऐसा नहीं होगा। इस बार नवरात्रों की शुरुआत एक महीने के बाद होगी। अश्विनी माह में 1 सितंबर से शुरू हुआ श्राद्ध पक्ष 17 सितंबर तक चलेगा। इसके अगले दिन अधिक मास शुरू होगा जो 16 अक्टूबर तक चलेगा। इसके बाद 17 अक्टूबर से नवरात्रि व्रत उपवास रखे जाएंगे। ऐसा संयोग करीब 165 साल बाद होने जा रहा है।
इसी क्रम में 26 अक्टूबर को दशहरा और 14 नवंबर को दीपावली होगी। इसके बाद 25 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ ही चातुर्मास समाप्त होगा।
क्या होता है अधिक मास?
अधिक मास क्या होता है? यह जानना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि सूर्य का वर्ष 365 दिन करीब 6 घंटे का होता है, जबकि एक चंद्रमा वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। दोनों वर्षों के बीच 11 दिन का लगभग अंतर आता है। यह अंतर हर तीन वर्ष में लगभग 1 मास के बराबर हो जाता है। इसी अंतर को दूर करने के लिए हर 3 साल में एक अतिरिक्त चंद्रमास आता है, जिसे अतिरिक्त होने की वजह से अधिक मास का नाम दिया गया है।
अबकी बार होंगी 26 एकादशियां
मान्यता के अनुसार, अधिमास को ही मलमास भी पुकारते हैं, क्योंकि उस महीने में सूर्य की संक्रांति नहीं होती है। इसलिए यह महीना मलिन हो जाता है। मान्यता यह है कि भगवान विष्णु ने मलमास को अपना नाम पुरुषोत्तम माह दिया है। हर साल 24 एकादशियां होती हैं, पर इस साल मलमास के कारण 26 एकादशियां होंगी।
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