जयपुर abhayindia.com प्रदेश में राज्य सरकार के अधीन आने वाले गढ़-किले, आरटीडीसी की होटल और जीएडी के डाक बंगलों का संचालन और रख-रखाव की जिम्मेदारी अब निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है।आपको बता दें कि विपक्ष में रहते सरकारी संपत्तियों के निजीकरण का विरोध करने वाली कांग्रेस का रुख अब सत्ता में आते ही बदल गया लगता है।
सूत्रों की मानें तो गत 29 अप्रैल को सचिव डी. बी. गुप्ता की अध्यक्षता में हुई पीपीपी प्रोजेक्ट की समीक्षा बैठक में पुराने प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की गई। इस बैठक के बाद मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए हैं कि सरकार के अधीन आने वाले गढ़-किले, आरटीडीसी की होटलों और जीएडी के डाक बंगलों का संचालन और रख-रखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दी जाए। इसके लिए निजी निवेशकों की तलाश शुरू करें।
बताया जा रहा है कि उक्त बैठक में शामिल विभागों ने संपत्तियों को ऑपरेट एंड मेंटिनेंस के पीपीपी मॉडल पर संचालित करने के लिए प्रजेंटेशन दिए। इसके बाद मुख्य सचिव ने इन विभागों को निर्देश जारी करवाए हैं कि जिन संपत्तियों को पीपीपी मॉडल पर संचालित किया जा सकता है, उनकी योजना तैयार रखें। आचार संहिता के बाद इस पर फिर से बैठक होगी। ध्यान में रहे कि जब पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने आरटीडीसी की संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने की योजना तैयार की थी, तब कांग्रेस ने इसका विरोध किया था।
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