Sunday, January 26, 2025
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शनि की वक्री चाल ने बिगाड़ा मौसम का मिजाज!

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बीकानेर abhayindia.com मानसून की बेरुखी और सावन में असहनीय गर्मी शनि की वक्री चाल के कारण पड रही है। यह आंकलन ज्‍योतिषियों का है। ज्योतिषाचार्य पंडित गेवर चंद भादाणी ने बताया कि पंचागीय गणना के अनुसार ग्रह-गोचर में शनि वर्तमान में धनु राशि में वक्री चल रहे हैं शनि का चर्तुगृही युति से खड़ाष्टक योग चल रहा हैये चार ग्रह क्रमश: सूर्यमंगलबुधशुक्र इनके प्रभाव से मौसम परिवर्तन तथा मंगल-शुक्र का संयोग जब शनि से वक्रगत होता हैतो स्थितियां विपरीत होती हैं।

मौसम का कारक ग्रह बुध भी वक्री चल रहा हैइसके कारण जलवायु का परिवर्तन चक्र है। मैदिनी ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब इस प्रकार का ग्रह योग बनता होतो ऋतु चक्र में परिवर्तन होता है। उन्होने बताया कि 1 अगस्त को हरियाली अमावस्या पर बुध मार्गी होने वाले हैंतब से ही मौसम में परिवर्तन दिखाई देगासाथ ही मंगल ग्रह का 9 अगस्त को मघा नक्षत्र तथा सिंह राशि में प्रवेश होगा। साथ ही 11 अगस्त को बृहस्पति मार्गी होंगे तथा अमावस्या के दौरान अधिकांश ग्रहों के जला व नीरा नाड़ी में होने से अन्यत्र भी वर्षा के योग बन सकेंगे।

बृहस्पति के मार्गी होने से परिस्थिति में सुधार के संकेत होंगे। साथ ही 9 अगस्त के बाद मंगल का परिवर्तन भी जलवायु को सहयोग कर सकेगा, क्योंकि मंगल सिंह में प्रवेश करेगाजिसका स्वामी सूर्य है,साथ ही सूर्य का तात्कालिक स्थिति में कर्क राशि का गोचर आंशिक तौर पर परिस्थितियों को अनुकूल तथा श्रेष्ठ स्थिति को दर्शाएगा। हालांकि 15 अगस्त के बाद सूर्य का भी सिंह राशि में मंगलादित्य योग बनेगा। यह भी कहीं-कहीं खंड वृष्टि के योग बनाएगालेकिन अमावस्या से पूर्णिमा तक का यह पक्षकाल देश में वर्षा ऋतु के चक्र को सकारात्मक सहयोग देगा।

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