Monday, November 25, 2024
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‘सनातन संस्कृति और गाय’ व गंगा जीवन का आधार : भावनाथ

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बीकानेर abhayindia.com शहर से करीब 18 किमी दूर गंगानगर रोड़ कानासर फांटा स्थित सन्त भावनाथ आश्रम में गोपाष्टमी ‘गौ उत्सव’ के रूप में मनाया गया। प्रथम सत्र में ‘सनातन संस्कृति और गाय’ विषय पर  व्याख्यान रखा गया गौ उत्सव’कार्यक्रम के दौरान ‘सनातन संस्कृति और गाय’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। जिसमें संत भावनाथ महाराज ने कहा कि गाय हमारे जीवन का आधार है, व्याख्यान में रमक झमक के अध्यक्ष संस्कृति कर्मी प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने कहा कि भारत की समृद्धि और विकास के लिये गाय व गौ पालक दोनों का सवर्धन व संरक्षण होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि गौमाता पूजनीय है जिसकी बराबरी न कोई देवी-देवता कर सकता है और न कोई तीर्थ। भगवान कृष्ण ने स्वयं गायों की सेवा करना श्रेष्ठ माना, इसलिये कृष्ण का नाम गोपाल पड़ा गौ शाला से जुड़े किशन गहलोत ने कहा कि हर व्यक्ति को आज के दिन गौ सुरक्षा के लिये संकल्प लेना चाहिये।
अनेक लोगों ने भी विचार व्यक्त किए। दूसरे सत्र में गाय की पूजा का आयोजन रखा गया। गौ शाला में गायों को लापसी खिलाई गई व पूजा आरती की गई जिसमें अनेक श्रद्धालु शामिल हुए।
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