Thursday, March 13, 2025
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रोडवेज : रिटायर्ड कार्मिकों ने किया विरोध प्रदर्शन, देखें वीडियो…

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बीकानेर  Abhayindia.com रोडवेज के सेवानिवृत्त कार्मिकों ने मंगलवार के अपनी मांगों को लेकर केन्द्रीय बस स्टैण्ड पर विरोध प्रदर्शन किया।

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सेवानिवृत्तों में वेतन,पेंशन,रिटायरल भुगतानों न हीं मिलने से आक्रोश है। संगठन के गिरधारी लाल ने कहा कि बीते पांच साल से आंदोलन करते आ रहे हैं। पूर्व में मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, रोडवेज सीएमडी को जुलाई से अक्टूबर 2021तक चरणबद्ध आंदोलनों का ज्ञापन भेज कर समस्याओं का समाधान करने की मांग उठाई गई है। लेकिन रोडवेज करमचारियों के आंदोलन को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है। इसको लेकर आज पांचवें चरण में केन्द्रीय बस स्टैंड पर एक घंटे का प्रदर्शन किया। साथ ही मुख्य प्रबंधक के नहीं मिलने पर प्रबंधक वित्त पूजा जोईया का घेराव भी किया।

संयुक्त मोर्चे के सचिव गिरधारीलाल ने रोडवेज व सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि रोडवेज सेवानिवृत्तों के आंदोलनों को गंभीरता से नहीं ले रही है। समय रहते मांगे नहीं मानी तो आक्रोशित कार्मिक 27 अक्टूबर को रोडवेज बसों का चक्काजाम करने पर मजबूर हो जाएंगे। प्रदर्शन में रोडवेज के घटक संगठनों -एटक,सीटू,इंटक, रिटायर्ड एसोसिएशन के नेताओं, कर्मचारियों जमकर विरोध प्रदर्शन किया। बुधवार को भी दोपहर 1 से 2 बजे तक प्रदर्शन किया जाएगा।

प्रदेश : जल संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास करें, कार्यशाला में बोले जलदाय मंत्री

जयपुर Abhayindia.com भूजल एवं जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि प्रदेश में जल की एक-एक बूंद का सांगोपांग उपयोग करने की सुदीर्घ परम्परा रही है। प्रदेश में गिरते भू-जल स्तर की स्थिति में सुधार के लिए सभी नागरिकों को अपने दैनिक जीवन में इसके अनुरूप व्यवहार करते हुए जल की बचत एवं संरक्षण के उपायों को अपनाने की आवश्यकता है।

डॉ. कल्ला मंगलवार को दुर्गापुरा स्थित राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान में अटल भूजल योजना पर दो दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।

डॉ. कल्ला ने कहा कि देश के कुल क्षेत्रफल का 10 प्रतिशत भू-भाग राजस्थान में है, लेकिन भूजल की मात्रा पूरे देश की तुलना में मात्र 1.14 प्रतिशत है, इस सोचनीय स्थिति से राज्य को उबारने के लिए सभी स्तरों पर सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी स्तर पर जो कुएँ या नलकूप खोदे जा रहे हैं, उनके साथ-साथ ग्राउंड वाटर रिचार्ज एवं जल संरक्षण के उपाय भी किए जा रहे हैं। राज्य में निजी स्तर पर जो लोग नलकूप लगा रहे हैं, वे भी आवश्यक रूप से भूजल रिचार्ज संरचनाओं का निर्माण करें, इसके लिए भी प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।

भूजल मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दिनों महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए 300 वर्गमीटर के स्थान पर 200 वर्गमीटर के भूखण्ड पर बनने वाले परिसरों के लिए वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाने को अनिवार्य किया है। इसी प्रकार प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में भी ड्रिप इरिगेशन से कम पानी में अधिक उत्पादन लेने की पद्धतियों को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देने पर फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि अटल भूजल योजना के तहत प्रदेश के 17 जिलों के 38 ब्लॉक में 1144 ग्राम पंचायतों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। इस योजना के क्रियान्वयन से जुड़े सभी विभाग टीम स्पिरिट से समन्वित प्रयास कर भूजल की स्थिति में सुधार के लिए जन सहभागिता को बढ़ावा दें।

भूजल एवं जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि राज्य में भूजल रिचार्ज की तुलना में करीब डेढ़ गुना दोहन हो रहा है। यहां भूजल की दृष्टि से सुरक्षित ब्लॉक्स की संख्या में कमी आ रही है, ऐसे में अटल भूजल योजना राज्य के परिप्रेक्ष्य में बहुत महत्वपूर्ण योजना है। योजना से सम्बंधित सभी विभाग भूजल की स्थिति की गम्भीरता को समझते हुए इसकी गाइडलाइन के अनुसार गतिविधियों का संचालन करे ताकि हम भावी पीढ़ी को जल सुरक्षा देने में अपनी भागीदारी निभा सके।

कृषि आयुक्त ओमप्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में कैनाल वाटर का स्टोरेज कर सूक्ष्म सिंचाई को प्रोत्साहन देने के लिए 5 हजार डिग्गियों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अलावा फार्म पॉन्ड के निर्माण में भी कृषकों का अनुदान दिया जा रहा है। ‘ईज ऑफ डूइंग फार्मिंगÓ के तहत कृषकों के लिए इस प्रकार की सभी योजनाओं में आवेदन के बाद प्रगति की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध है। जलदाय विभाग की विशिष्ट सचिव उर्मिला राजोरिया ने आभार व्यक्त करते हुए अटल भूजल योजना के महत्वपूर्ण पहलुओं की जानकारी दीं। भूजल विभाग के मुख्य अभियंता सूरजभान सिंह ने कहा कि इस योजना में सहभागी विभागों कृषि, उद्यानिकी, जलग्रहण एवं भू-संरक्षण, ऊर्जा, जल संसाधन, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास तथा जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. एस. के जैन, अधीक्षण भूजल वैज्ञानिक एवं अटल भूजल योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. वी. एन. भावे, सहायक नोडल अधिकारी डॉ. विनय भारद्वाज सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं विषय विशेषज्ञ मौजूद रहे। इस दो दिवसीय कार्यशाला के अलग-अलग सत्रों में 17 जिलों के प्रतिभागी, अटल भू-जल योजना की एनपीएमयू (नेशनल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट), नई दिल्ली एवं एसपीएमयू (स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट), राजस्थान के विषय विशेषज्ञों के साथ जल संरक्षण गतिविधियों पर मंथन करेंगे।

कोरोना : पीबीएम में अब तक लगे 1 लाख टीके , 16 जनवरी से शुरू हुआ था अभियान

बीकानेर Abhayindia.com कोविड वैक्सीनेशन कार्यक्रम के तहत पीबीएम अस्पताल में मंगलवार को एक लाख वां टीका लगा। आरसीएचओ डॉ.राजेश गुप्ता के अनुसार 16 जनवरी से टीकाकरण कार्यक्रम शुरू हुआ था। इसमें विशिष्ट उपलब्धि हासिल करते हुए पीबीएम में 67 हजार से ज्यादा के प्रथम डोज और करीब 33 हजार के दूसरी डोज सहित आंकड़ा 1 लाख तक पहुंच गया है।

लगातार अवकाश के दिनों सहित, निर्धारित समय से अधिक समय तक काम कर टीकाकरण टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है। यहां नियंत्रण कक्ष की स्थापना भी की गई है ताकि पूरे जिले के लाभार्थी अपनी समस्या लेकर आते है और उनका तुरंत समाधान किया जा सके। डॉ.नवल किशोर गुप्ता व डॉ.गौरी शंकर जोशी लगातार अपनी सेवाएं यहां दे रहे हैं। सभी प्रमुख अधिकारियों, मंत्री, विधायक, सहित विशिष्ट व्यक्तियों का टीकाकरण यहां किया गया।

महिलाओं के लिए अलग दिवस व बूथ हो, बुजुर्गों को प्राथमिकता, दिव्यांगों व असक्षम लोगों का टीकाकरण किया गया। प्रचार प्रसार के लिए सतत प्रयास जिला कलक्टर के निर्देशन में प्रधानाचार्य व अधीक्षक के नेतृत्व यह कार्यक्रम चल रहा है। इसमें सीएमएचओ डॉ.ओपी चाहर की सक्रिय भागीदारी रही है।

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