जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रदेश के करीब तीन करोड़ मोबाइल उपभोक्ताओं को एक बार फिर नेटबंदी की मार झेलनी पड़ सकती है। गत 14 और 15 जुलाई को भी पुलिस भर्ती परीक्षा के चलते प्रदेश के लोगों को नेटबंदी झेलनी पड़ी थी। इस बार हालांकि इसका दायरा कुछ कम हो सकता है। बता दें कि रविवार को होने वाली आरएएस-प्री भर्ती परीक्षा के दौरान नकल की रोकथाम के लिए कई जिलों में कलक्टर और पुलिस अधीक्षक नेटबंदी जैसा कदम उठा सकते हैं। इस परीक्षा के मद्देनजर फिलहाल भरतपुर में नेटबंद कर दिया गया है।
गौरतलब है कि करीब एक हजार से अधिक पदों के लिए हो रही आरएएस-प्री परीक्षा के लिए राज्यभर में कुल 327 परीक्षा सेंटर बनाए गए हैं। इनमें 1 लाख ३० हजार से अधिक अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा में आने वाले विद्यार्थियों को सुरक्षा के लिहाज से कुछ सुरक्षा नियमों का पालन भी करना होगा। उसके पहनावा और परीक्षा केंद्र में बैठने के नियम शामिल हैं
जानकारी के मुताबिक परीक्षा में नकल रोकने का जिम्मा पुलिस और प्रशासन पर भी है। पुलिस एजेंसियों ने भर्ती में नकल कराने वाले संदिग्ध लोगों की पहचान कर उनको हिरासत में ले लिया है। भरतपुर में तो परीक्षा के समय में पांच घंटों के लिए नेटबंदी कर दी गई है। बताया जा रहा है कि धौलपुर, बीकानेर, सीकर, चुरू, समेत सात अन्य जिलों में भी परीक्षा के समय नेटबंदी की जा सकती है। हांलाकि इसके लिए आरपीएससी ने किसी प्रकार के नियम लिखित में जारी नहीं किए हैं।
इससे पहले राज्य में बीते माह पुलिस भर्ती परीक्षा से पहले नेटबंदी की गई थी। तेरह लाख से भी ज्यादा परीक्षार्थी प्रदेश भर में परीक्षा देने बैठे थे। तेरह हजार एक सौ पचास पदों पर पुलिस भर्ती परीक्षा 14 और 15 जुलाई को आयोजित हुई थी। इस परीक्षा में बैठने से पहले प्रदेश की पुलिस ने चार जिलों से सात नकल गैंग गिराहों को पर्दाफाश किया था।