बीकानेर Abhayindia.com भाकृअनुप- राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र द्वारा आज बीएसएफ के “सेव कैमल’ अभियान रैली कार्यक्रम के साथ उष्ट्र दुग्ध उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। बतौर विशिष्ट अतिथि के रुप में आमंत्रित केन्द्र निदेशक डॉ. आर्तबन्धु साहू ने बताया कि बीएसएफ की ओर से ऊँट प्रजाति के संरक्षण के ध्येय से यह रैली प्रारंभ की गई है। एनआरसीसी द्वारा ऊँटों की समसामयिक उपयोगिता को उजागर करने के दृष्टिकोण से ऊँटनी के दूध से विकसित उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई।
डॉ. साहू ने बताया कि बीएसएफ के इस कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। उन्होंने दुग्ध उत्पादों का रसास्वादन किया तथा एनआरसीसी के प्रयासों की सराहना करते हुए मधुमेह आदि के प्रबंधन में ऊँटनी के दूध के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित भी किया। डॉ. साहू ने कहा कि बदलते परिवेश में उष्ट्र संरक्षण एवं विकास के तहत ऊँटनी के दूध में औषधीय गुणधर्मों को ध्यान में रखते हुए इस प्रजाति को एक दुधारू पशु के रूप में स्थापित करने की ठोस कवायद जारी हैं। साथ ही उष्ट्र पर्यावरणीय-पर्यटन (कैमल इको-टूरिज्म) विकास पर भी केंद्र का खासा जोर है ताकि दुग्ध व्यवसाय व पर्यटन उद्यम से ऊँट पालक व किसान भाई अपनी आमदनी को बढ़ा सकें।
इस दौरान बीएसएफ के डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने भी केंद्र की इस प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने भी इस प्रजाति के दूध व पर्यटन को “सेव कैमल’ का मुख्य आधार बताते हुए इस अभियान रैली को इस उद्देश्य से जोड़ा।बीएसएफ में केंद्र के इस प्रदर्शनी कार्यक्रम में प्रधान वैज्ञानिक डॉ. आर.के. सावल व डॉ. शांतनु रक्षित वैज्ञानिक ने भी सक्रिय सहभागिता निभाई।
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