जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। बहुजन समाज पार्टी को भले ही उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनावों में करारी हार का मुंह देखना पड़ा हो, लेकिन वो अब राजस्थान में अपनी जमीन तलाशने की कोशिश कर रही है। पार्टी की सुप्रीमो मायावती को यहां तीसरी ताकत के रूप में काफी गुंजाइश नजर आ रही हैं।
बसपा के रूप में उभर रही इस ‘तीसरी आंख’ ने भाजपा और कांग्रेस के खेमे में खलबली मचानी शुरू कर दी है। हालांकि पूर्व के वर्षों में राजस्थान में तीसरी ताकत को विधानसभा चुनावों में ज्यादा तवज्जो नहीं मिली है, लेकिन भाजपा-कांग्रेस से उखड़ रहे मतदाताओं को विकल्प के रूप में बसपा खुद की ओर खींचने के लिए कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती। हाल में महाराष्ट्र में सवर्ण-दलित के बीच चले घटनाक्रम के मद्देनजर भी बसपा सुप्रीमो मायावती राजस्थान में भी दलितों को लामबद करने की कोशिश कर सकती है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो सुप्रीमो मायावती ने हाल में राजस्थान में सभी सीटों पर चुनाव लडऩे के साथ ही कम से कम 50 विधानसभा सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के निर्देश प्रदेश के नेताओं को दिए है। इनमें से अधिकांश उत्तरप्रदेश से लगते राजस्थान के सीमांत भरतपुर, धौलपुर एवं अलवर जिलों की सीटें शामिल हैं। इनके साथ ही श्रीगंगानगर एवं झुंझुनूं जिलों पर भी बसपा का अधिक जोर रह सकता है। मायावती खुद भी इन्हीं सीटों पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर जितनी सक्रियता भाजपा और कांग्रेस दिखा रही है, उतनी ही हम भी दिखा रहे हैं। हमने बूथ प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना शुरू कर दिया है। बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की टीम गठित भी की जा रही है।
राजस्थान पर ‘तीसरी आंख’!
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