जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में सांप्रदायिक तनाव के अलावा अन्य अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए राजस्थान पुलिस अब तकनीक के सहारे जागरूकता बढाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर मिशन जनजागरण की शुरुआत की गई है, जिसके तहत प्रत्येक जिले में प्रत्येक थाना स्तर पर बीट कांस्टेबल अपने-अपने बीट का व्हाट्सएप ग्रुप बनाएगा।
एडीजी क्राइम डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि प्रदेश में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और सांप्रदायिक तनाव के दौरान सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाह पर काबू पाने के लिए व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए लोगों को जोड़ने का काम किया जा रहा है। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से प्रत्येक जिला एसपी को आदेश जारी किए गए हैं। बीट कांस्टेबल व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के बाद उसमें सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र और ग्राम रक्षकों को जोड़ेगा. व्हाट्सएप ग्रुप में विभिन्न मुद्दों को लेकर जागरूक करने वाली पोस्ट डाली जाएगी और सभी ग्रुप की मॉनिटरिंग संबंधित जिला एसपी और सोशल मीडिया सेल करेगा। वर्तमान में सोशल मीडिया के माध्यम से पुलिस के बारे में कई तरह की झूठी अफवाह फैलाई जाती हैं, ऐसे में ग्राउंड लेवल पर पुलिस की छवि को मजबूत करने के लिए भी इन व्हाट्सएप ग्रुप का सहारा लिया जाएगा। व्हाट्सएप ग्रुप पर जो भी जानकारी शेयर की जाएगी उसे पुलिस मित्र, ग्राम रक्षक और सीएलजी सदस्य अपने-अपने क्षेत्र के व्हाट्सएप ग्रुप में आम लोगों के साथ शेयर कर उन्हें जागरूक करने का काम करेंगे। इसके साथ ही व्हाट्सएप ग्रुप को लेकर बीट कॉन्स्टेबल लगातार जिला एसपी को रिपोर्ट करेगा। साथ ही ऐसी जानकारी जिसके बारे में जिला एसपी या अन्य पुलिस अधिकारियों को जानकारी होनी चाहिए उसके बारे में भी बीट कांस्टेबल द्वारा अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा। मिशन जन जागरण के अंतर्गत प्रत्येक थाने की महिला और बाल डेस्क प्रभारी अलग से व्हाट्सएप ग्रुप बनाएंगी। जिसमें सुरक्षा सखियों और आशा सहयोगिनियों के साथ स्थानीय महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा। इन व्हाट्सएप ग्रुप में महिलाओं के अधिकार और कानून के बारे में जानकारी दी जाएगी, साथ ही जागरूक करने का काम किया जाएगा। वहीं महिलाओं से संबंधित किसी भी तरह की समस्या या शिकायत भी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए की जा सकेगी जिसका निदान पुलिस करेगी।