नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रामलीला मैदान से 2019 के आम चुनाव का बिगुल फूंकते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर सीधा अटैक किया। राहुल ने भ्रष्टाचार, किसानों पर कर्ज, डोकलाम, न्यायपालिका से टकराव जैसे तमाम मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 4 जज जनता के सामने आकर न्याय मांगते हैं, लेकिन मोदीजी चुप रहते हैं।
राहुल ने कहा कि अदालत, चुनाव आयोग से लेकर आईआईटी और आईआईएम जैसे सभी संस्थानों में आरएसएस के लोगों को डाला जा रहा है। हर मंत्री के पास आरएसएस का ओएसडी है लेकिन मोदी जी चुप हैं। पीएम मोदी ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन चार साल में रोजगार तो छोड़ो बीते आठ साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी आज है। राहुल ने जीएसटी को एक बार फिर (गब्बर सिंह टैक्स) करार देते हुए कहा कि इसने असंगठित क्षेत्र को तबाह कर दिया है। राहुल ने कहा कि चीन 24 घंटे में 50,000 रोजगार देता है, जबकि भारत में सिर्फ 450 रोजगार ही पैदा हो पा रहे हैं।
उद्योगपतियों पर मेहरबानी
कांग्रेस अध्यक्ष गांधी ने कहा कि देश के 15 सबसे बड़े उद्योगपतियों का 2.5 लाख करोड़ रुपये का कर्जा माफ कर दिया जाता है, लेकिन देश के किसानों का कोई कर्ज माफ नहीं किया जाता। राहुल ने कहा कि मैं उनके दफ्तर गया और कहा कि आपने 15 लोगों का कर्ज माफ किया है। आप देश के किसानों का कर्ज माफ करो, लेकिन मोदीजी ने मेरे सवाल का जवाब तक नहीं दिया। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के बिना इस देश का किसान जी नहीं सकता। यदि कांग्रेस खड़ी नहीं होती तो हिंदुस्तान के किसानों की सब जमीन नरेंद्र मोदी छीनकर ले जाते। देशभर में दलितों, आदिवासियों पर अत्याचार किया जा रहा है। हर प्रदेश में दलितों और अल्पसंख्यकों की हत्या होती है, लेकिन पीएम के मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है। राहुल ने कहा कि डोकलाम में चीन घुस रहा है, लेकिन पीएम मोदी वहां बिना अजेंडे गए, लेकिन कुछ नहीं बोले।
देश में असत्य, घृणा, हिंसा का बोलबाला : सोनिया
इससे पहले रैली की शुरुआत करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस के पूर्वजों ने इसके लिए अपना सब कुछ न्योछावर किया था। वे ऐसा देश बनाना चाहते थे, जिसकी बुनियाद सत्य, प्रेम और अहिंसा पर टिकी हो। लेकिन, बीते 4 साल से हम देख रहे हैं कि आज के भारत में असत्य, घृणा और हिंसा का बोलबाला है। वे संसदीय बहुमत को मनमानी का लाइसेंस मान चुके हैं। असहमति को हर स्तर पर कुचलने को अपना अधिकार समझते हैं। न्यायपालिका से जुड़े विवाद पर इशारों में सोनिया ने कहा कि आज हमारे देश को निष्पक्ष और मजबूत संवैधानिक संस्थाओं की जरूरत है। इन्हें 65 सालों में बड़ी मेहनत से तैयार किया गया था, लेकिन मोदी सरकार ने हर संवैधानिक संस्था को कमजोर करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी है।
अत्याचार बढ़ रहे हैं : मनमोहन
पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने साल में दो करोड़ नए रोजगार मुहैया कराने की बात कही थी। लेकिन, हकीकत यह है कि बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। देश के बच्चे बैंकों से कर्ज लेकर पढ़ाई करते हैं, लेकिन कर्ज न मिलने पर यह खतरा पैदा हो गया है कि वे कैसे इन लोन को चुका पाएंगे। मनमोहन सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यकों, दलितों, महिलाओं और बच्चियों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं।