जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में भाजपा विधायकों के आईफोन लौटाने के फैसले के बाद आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। सरकारी उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी ने पलटवार करते हुए कहा– ‘अगर ऐसा है, तो फिर भाजपा विधायकों को इससे पहले के बजट में लिए गए लैपटॉप और आईपैड भी लौटा देने चाहिए।‘ इस बार भी बीजेपी विधायकों ने आईफोन ले लिए हैं। अगर लेने की उनकी इच्छा नहीं थी, तो कल लेकर ही क्यों गए, तभी मना कर देते।
चौधरी ने कहा जनता की इतनी ही चिंता थी, तो भाजपा ने विधायक फंड क्यों बढ़वाया। प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचन्द कटारिया के कहने से ही सीएम ने एमएलए कोटे का बजट 5 करोड़ किया था। तब भाजपा ने मना क्यों नहीं किया। चौधरी ने कहा– उनकी कहने की बात अलग है। भाजपा के विधायक भी अशोक गहलोत को पसंद करते हैं। उनसे मिलते भी हैं। उनके सार्वजनिक कार्यों की तारीफ भी करते हैं। लेकिन, फिलहाल भाजपा को दिल्ली से इशारा है। रीट परीक्षा में धांधली को लेकर भाजपा आंदोलन कर रही थी। अब जिस तरह की दशा हुई है वह देख सकते हैं। खुद भाजपा एमएलए मन में आईफोन लेना चाह रहे होंगे, लेकिन ऊपर से दबाव आता है, तो हो सकता है वापस देने का फैसला लिया हो। यह भाजपा पार्टी और उनके विधायकों का फैसला है।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा महंगे आईफोन दिए का भार प्रदेश की जनता पर पड़ेगा। इसलिए, भाजपा विधायकों ने सर्वसम्मति से आईफोन लौटाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा– हां कल विधायकों ने आईफोन लिए थे। लेकिन, सबकी राय यह बनी कि इन्हें वापस कर देंगे। जब मीडिया ने पूछा कि सारे विधायकों ने सस्ते आवास भी लिए हैं। क्या उन्हें भी लौटाएंगे, तो पूनिया बोले जो पार्टी का विधायक दल तय करेगा वही करेंगे। उन्होंने कहा विधायकों को महंगे आईफोन नहीं देने चाहिए। इनकी जरूरत नहीं है। सबके पास पहले से फोन हैं। इसलिए पॉजिटिव मैसेज देने के लिए नैतिक आधार पर हमने आईफोन लौटाने का फैसला लिया है।