Tuesday, March 19, 2024
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भाटी के हल्ला बोल के ऐलान से चढ़ा सियासी पारा, सिस्‍टम में भी खलबली…

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  • बीकानेर (आचार्य ज्योति मित्र)। एक अरसे से गाय गोचर व आयुर्वेद की बात करने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री देवीसिंह भाटी ने आगामी 26 मई को हल्ला बोलकर जिले का सियासी तापमान बढ़ा दिया है। वहीं, चुनाव लड़ने का ऐलान करके कोलायत में नए समीकरण तलाशने वालों की धड़कन तेज कर दी है। भाटी ने कोलायत व जिले की विभिन्न समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र देने के साथ ही बड़ी लड़ाई का बिगुल बजा दिया है। इस लड़ाई में भाटी के हथियार वही पुराने है लेकिन, फ्रंट पर कोलायत की बड़ी समस्या अघोषित बिजली कटौती, पेयजल की मारामारी, पशुओं के लिए चारे की समुचित व्यवस्था व नरेगा श्रमिकों के लिए नया टाइम टेबल जारी करने सरीखे मसले है। भाटी के इस ऐलान के बाद से ही उनके समर्थक खासे उत्साह में हैं।

अपनी साफगोई के लिए जाने जाने वाला राजपूतों का यह खांटी नेता अपने इन तेवरों के कारण ही जिले के अन्य नेताओं से अलग पहचान रखते हैं। पानी मे रहकर मगर से बैर रखना हर किसी के बस की बात नहीं है। इसके लिए जिस ज़िगर की जरूरत होती है वो देवी सिंह भाटी के पास है। सरकारों से दोदो हाथ करना उनका पसंदीदा शगल है। अपनी साफगोई के लिए अपने समर्थकों व जनता में अलग ही छवि रखते है। सुविधा की राजनीति के लिए कभी समझौता नहीं करने वाले जमीन से जुड़े भाटी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत के बाद लगातार चुनाव जीतने वाले राजस्थान के एकमात्र करिश्माई नेता है जिनका ब्राह्मणों, मुसलमानों, राजपूतों, पिछड़े वर्ग, आरक्षण से वंचित सहित अन्य वर्गों में खासा प्रभाव है।

नब्बे के दशक में भाजपा की शेखावत सरकार को बचाने के लिए जनता दल दिग्विजय का भाजपा में विलय करवाकर राज्य की राजनीति की धारा को ही बदल दिया था। यही वो दौर था जिसमें भाटी ने सामाजिक न्याय मंच नाम से आरक्षण आंदोलन शुरू किया था। राजस्थान के लगभग हर जिले में उस दौर की रैलियों में उमडऩे वाली भीड़ ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक प्रेक्षकों का ध्यान अपनी ओर खींचा। ये इस कद्दावर नेता का ही कमाल था जिसने भाजपा को पहली बार बीकानेर से भाजपा का सांसद दिया। एक अरसे से भाटी अपना पूरा ध्यान राजनीति से हटकर भारतीय संस्कृति की धरोहर आयुर्वेद व गोचर भूमि को बचाने, सेवण घास व गौधन को बचाने के लिए अपने स्तर प्रयास कर रहे थे। कोलायत में हावी होते अफसरों व रॉयल्टी में भ्रष्टाचार की खबरों के बीच भाटी ने कोलायत मुख्यालय, देशनोक व बज्जू जैसे क्षेत्रों में जनता के बीच जाकर अपने कार्यकर्ताओं को साफ संदेश दे दिया कि वे अब चुप नहीं रहेंगे। भाटी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि गांव गांव में जमीनी कार्यकर्ताओं की फौज को वापस अलर्ट मोड पर लाया जा रहा है। भाटी का यह आंदोलन जिले की आगामी राजनीति की दिशा व दशा को कितना प्रभावित करेगा यह भले ही भविष्य के गर्भ में हो लेकिन भाटी समर्थकों का इस तपती गर्मी में उत्साह 26 मई को ही देखने को मिलेगा। 

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