जयपुर (अभय इंडिया न्यूज)। राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट की ओर से कांग्रेस स्थापना दिवस पर गुरुवार को दिया गया एक बयान सियासी हलके में चर्चा का विषय बना हुआ है। पायलट ने सत्ता में कांग्रेसी की पुन: वापसी के लिए किसी एक नेता के ‘चमत्कारÓ पर भरोसा नहीं किया जा सकता। पायलट ने साफ कहा कि केवल एक नेता के चमत्कार के भरोसे पार्टी पुनर्जीवित होकर सत्ता में नहीं आ सकती। सत्ता के लिए सभी को एकजुट होकर काम करना होगा।
पायलट के इस बयान को हाल में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से दिए गए उस बयान से जोड़ कर देखा जा रहा है जिसमें गहलोत ने कहा था कि ‘राजस्थान उनकी कर्मस्थली रही है और रहेगी। वे यहां काम करते आए हैं और करते रहेंगे।’ गहलोत का यह बयान उनके गुजरात में पार्टी के लिए बेहतरीन काम कर राजस्थान लौटने के बाद पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया था।
बहरहाल, पायलट के बयान से सियासी पारा चढ़ गया है। आने वाले राजस्थान विधानसभा चुनाव की कमान गहलोत के हाथ में रहेगी या पायलट के, यह चर्चा अर्से से चल रही है। अब इस चर्चा को और पंख लग गए हैं।