जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में सियासी संग्राम के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट महज 25 घंटे में ही गहलोत समर्थक विधायकों व मंत्रियों से मिलकर दिल्ली चले गए है। लेकिन, इसके साथ ही सियासी सरगर्मी को हवा भी दे गए हैं। आपको बता दें कि पायलट ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास सहित गहलोत समर्थक अन्य विधायकों से भी मिले। इसके चलते गहलोत खेमे में अंदरखाने खलबली सी मच गई।
इधर, सियासी गलियारों में चर्चा है कि पायलट मंगलवार को दिल्ली लौटे और ठीक उसी दिन राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से दो दिन का ब्रेक लेकर मैसूर में सोनिया गांधी से मुलाकात की। इससे यह कयास लगाए जा रहे है कि कांग्रेस आलाकमान राजस्थान का सियासी संग्राम जल्द ही खत्म करने के दिशा में काम कर रहा है।
इस बीच, पायलट ने बीते 25 घंटे राजस्थान में बिताने के दौरान बातचीत में एक ही संकेत दिया कि सबको एक जाजम पर बैठना चाहिए। एक साथ मिलकर 2023 की लड़ाई लड़नी और जीतनी है। उन्होंने अनौपचारिक बातचीत में कहा कि सबको मिलकर 2023 के लिए तैयारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि तेरा मेरा छोडक़र हमें राजस्थान के लिए काम करना होगा और सरकार रिपीट हो इसके लिए साथ मिलकर जुटना होगा। पिछले दिनों से एक चर्चा चल रही थी कि पायलट सबको साथ लेकर नहीं चलते हैं। ऐसे में पायलट ने सबसे मुलाकात कर संदेश देने का प्रयास किया। बातचीत में उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष के कार्यकाल में साथ में किए गए संघर्ष और सहयोग की भी चर्चा की।