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बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। पद्मभूषण अर्थशास्त्री प्रो. विजय शंकर व्यास का अपनी जन्म भूमि बीकानेर से गहरा जुड़ाव रहा। आचार्यों के चौक की एक संकरी गली में स्थित अपने नाना स्वर्गीय जैसराज आचार्य के घर जन्में प्रो. व्यास की प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर में ही हुई। बीकानेर के शिक्षाविद् स्वर्गीय रामचंद्र बोड़ा, लोक कलाकार डॉ. राजनारायण व्यास, भू-वैज्ञानिक श्याम सुंदर व्यास उनके मौसेरे भाई थे। प्रसिद्ध साहित्यकार एवं शिक्षाविद् भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’ भी उनके मौसेरे भाई हैं।
अजीत फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. व्यास का जन्म अपने ननिहाल में जैसराज आचार्य के घर हुआ। इस घर में रहने वाले उनके भतीजे यूआईटी कर्मचारी दुर्गाशंकर आचार्य एवं पौत्र सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी हरिशंकर आचार्य ने बताया कि प्रो. व्यास हमारे इसी घर में जन्में थे, वे कई बार अपने परिवार के साथ यहां आते थे और उनसे अपनी बचपन की बातें साझा करते थे।
विश्व बैंक के सलाहकार रहे
प्रो. विजय शंकर व्यास ने अपने जीवनकाल में अंतररष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की। भारतीय प्रबन्ध संस्थान के उपरांत उनकी सेवायें अन्तरराष्टीय स्तर पर ली जाने लगी। प्रो. व्यास ने वर्षों तक विश्व बेंक में कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में सेवायें दी। इस दौरान उन्हें विश्व के अनेक देशों की ग्रामीण व्यवस्था एवं कृषि की स्थिति को समझने का अनुभव मिला और इस अवसर क उपयोग उन्होंने सलाहकार के रूप में किया। विश्व के ग्रामीण परिवेश को देखते हुए अफ्रीकी देशों की दयनीय सिथति सर्वविदित है, इन देशों के अध्ययन उस पर आधारित विकास योजनाओ के निर्माण में इन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
इसी प्रकार चीन जैसे देश में हुए ग्रामीण विकास का अध्ययन-विश्लेषण में इनके योगदान को सराहा एवं स्वीकार किया गया। विश्व स्तर पर इनके योगदान कि स्विकर्ती को आगे बढाते हुए अनेक अन्तरराष्ट्रीय संस्थाओं मैं इनकी सहभागिता बढी। जिन संस्थाओं से प्रो. व्यास का जुड़ाव रहा, इनमें खासतौर से एशियाई विकास बैक (मनीला) के दूसरे कृषि सर्वे दल के प्रमुख, अन्तरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान आदि हैं।
राष्टीय स्तर पर कृषि एवं ग्रामीण विकास की संस्थाओं में उनका योगदान उल्लेखनीय है। इस दृष्टि से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित नाबार्ड के लिए ग्रामीण साख की राष्ट्रीय कमेटी के प्रमुख रहे। राजस्थान एवं गुजरात में तो अनेक समितियों एवं सस्थाओं के प्रमुख एवं सदस्य के रूप में मार्गदर्शन प्रो. व्यास का राजस्थान में आने की भी एक संयोग है। व्यास का राजस्थान के विकास कार्य में महत्वपूर्ण योगदान है। कृषि, पशुपालन एवं जल संसाधनों के विकास में उनका चिंतन स्पषट एवं व्यावहारिकता से जुड़ा हुआ है। वर्तमान स्थिति को स्वीकार करते हुए सीधा एवं सरल सुझाव देना उनका स्वभाव है।
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