बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री पद्मभूषण से सम्मानित प्रो. विजय शंकर व्यास का बुधवार सुबह जयपुर में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। व्यास पिछले कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके निधन से समूचे प्रदेश में शोक की लहर है। मूल रूप से बीकानेर निवासी व्यास राजस्थान में ग्रामीण अर्थशास्त्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए पद्मभूषण का सम्मान प्राप्त करने वाले एकमात्र अर्थशास्त्री है। भारत सरकार ने सन् 2005 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया।
व्यास का जन्म व्यास जन्म 21 अगस्त 1931 को बीकानेर में हुआ। प्राथमिक एवं स्नातक की शिक्षा बीकानेर में प्राप्त की। उच्च शिक्षा के लिए मुंबई गए, जहां अर्थशास्त्र में एम. ए. तथा बाद में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। अध्ययन का मुख्य विषय कृषि अर्थशास्त्र था। उच्च अध्ययन के बाद मुम्बईं अध्यापन कार्य प्रारम्भ किया।
प्रो. व्यास द्वारा ग्रामीण विषयों के व्यापक अध्ययन की परियोजनाएँ उस समय प्रारम्भ की गई, जब उन्होंने सरदार बल्लभाई पटेल विश्वविधालय, बल्लभ विद्यानगर के अर्थशास्त्र विभाग में प्रोफेसर का कार्य भार संभाला। बल्लभ विधानगर में एग्रोइकनामिक रिसर्च सेंटर गुजरात, राजस्थान की स्थापना हुई जिसके प्रमुख प्रो. व्यास को बनाया गया। एग्रोइकनामिक रिसर्च सेंटर के अन्तर्गत राजस्थान एवं गुजरात के ग्रामीण विकास एवं गांव की समस्याओ के विभिन्न मुद़दों पर अनेकों अध्ययन किये गये। इन अध्ययन का महत्व राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया। एग्रोइकनामिक रिसर्च सेंटर के कार्य के दौरान गांव की समस्याओं की गहराई में जाने का अवसर मिला।
कुमारप्पा ग्राम स्वराज्य संस्थान की स्थापना के बाद भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से ली गई अध्ययन परियोजनाओ में प्रो. व्यास एवं बल्लभ विधानगर के अध्येताओं पूरा सहयोग मिला। बाद में प्रो. व्यास भारतीय प्रबन्ध संस्थान, अहमदाबाद से जुड़ गए तथा अध्यापन एवं वर्षो तक निदेशक की जिम्मेदारी निभाई। यहाँ कार्य करते हुए कृषि अर्थशास्त्र के अध्ययन एवं अध्यापन के उनके योगदान को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली।