जयपुर Abhayindia.com राजस्थान में अगले साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए एआईएमआईएम के चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान में सक्रियता बढा दी है। ओवैसी यहां चुनाव से पहले अपनी पार्टी के लिए संभावनाएं तलाश रहे हैं। हाल में दो दिवसीय जयपुर दौरे पर ओवैसी के आने के बाद से प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। असल में, कांग्रेस को यह डर सता रहा है कि ओवैसी की राजस्थान में एंट्री होने के बाद उनके परंपरागत वोट बैंक में कहीं सेंध नहीं लग जाए,। हालांकि, पार्टी का यह भी मानना है कि पश्चिम बंगाल और उत्तरप्रदेश की तरह राजस्थान में भी ओवैसी को कोई फायदा नहीं होने वाला है। यहां सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच ही होगा।
इस बीच, खबर है कि असदुद्दीन ओवैसी की नजर इन दिनों राजस्थान में रिटायर्ड अल्पसंख्यक अधिकारियों के साथ–साथ कई बुद्धिजीवियों और उद्योगपतियों पर भी है। चर्चा यह भी है कि असदुद्दीन ओवैसी राजस्थान में अपनी पार्टी की कमान एक रिटायर्ड नौकरशाह को देने की तैयारी में है। बताया जा रहा है कि इस नौकरशाह और ओवैसी के बीच पुराने घनिष्ठ संबंध रहे हैं। इसके अलावा चर्चा यह भी है कि कई रिटायर्ड नौकरशाह को ओवैसी अपनी पार्टी के बैनर तले विधानसभा चुनाव में उतारना भी चाहते हैं।
खबर यह भी है कि ओवैसी और उनके थिंक टैंक ने राजस्थान की करीब 35 से ज्यादा अल्पसंख्यक बाहुल्य सीटों का रोडमैप तैयार किया है, जहां पर पार्टी अपने प्रत्याशी उतारेगी। हालांकि चर्चा यह भी है कि आदिवासी अंचल में ओवैसी बीटीपी या अन्य दूसरे दलों के साथ भी गठबंधन करके चुनावी समर में अपने प्रत्याशी उतार सकते हैं।