जयपुर Abhayindia.com राजस्थान के सियासी जगत में आने वाले दिनों में कुछ “नया” होने की उम्मीद जताई जा रही है। आपको बता दें कि प्रदेश की गहलोत सरकार के कार्यकाल के दूसरे सियासी संकट को आए एक महीना पूरा हो गया है। इस बीच, कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज कार्यभार संभाल लिया है।
इससे पहले पायलट को सत्ता से दूर रखने के लिए जिस तरह से सीएम अशोक गहलोत समर्थक अधिकांश विधायकों ने एक महीने पहले 25 सितंबर को आलाकमान के एक लाइन के प्रस्ताव को ठुकराकर अपने इस्तीफे स्पीकर को सौंप दिए थे।
अब बताया जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यभार संभालने के बाद अब राजस्थान के सियासी संकट को लेकर गहन विचार मंथन होगा।
बहरहाल, प्रदेश में गहलोत और पायलट के समर्थक विधायकों में खामोशी छाई है। आलाकमान की ओर से बयानबाजी पर एडवाइजरी जारी होने के बाद से टकराव कम हुआ है। हालांकि, अंदरखाने में खींचतान खत्म नहीं हुई है।