Friday, April 26, 2024
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अब मार्गी हुए शनिदेव, सुधरेंगे बिगड़े काम

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बीकानेर Abhayindia.com नवग्रहों में सबसे ज्यादा शक्तिशाली ग्रह 29 सितंबर को सुबह 10:30 मिनट पर मार्गी हो गए। उनके मार्गी होने से अब बिगड़े हालातों में सुधार आएगा।

ज्योतिषाचार्य बाबूलाल खत्री के अनुसार शनिदेव 11 मई को सुबह 09:27 बजे वक्री हुए थे। अब 29 सिंतबर को मार्गी हो गए। वक्री उल्टी चाल को कहते हैं। सीधी चाल को मार्गी कहते हैं, शनिदेव का काम प्रकृति में संतुलन पैदा करना है।

इसलिए समस्त मानव जाति पर शनि का गहरा प्रभाव होता है। उन्होंने बताया कि शनि कर्म और सेवा का कारक होता है। यानी इसका सीधा संबंध नौकरी और व्यवसाय से होता है। इसी वजह से शनि की चाल का असर आपकी नौकरी व व्यवसाय में सफलता और उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। इसके प्रभाव से ही मनुष्य के जीवन में बड़े बदलाव होते हैं। ये परिवर्तन सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह वक्री अथवा मार्गी होता है उसका असर हर व्यक्ति एवं प्रकृति पर अवश्य पड़ता है।

ज्योतिषाचार्य खत्री का कहना है कि काली गाय की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। गरीबों, असहायों को शनिवार को काला कंबल सप्त धान्य, काले वस्त्र दान करें। शनिवार को व्रत रखें। शनिदेव के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करें। एक कांसे की कटोरी में तिल का तेल भर कर उसमें अपना मुख देख कर और काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू,फल, काला कोयला और लोहे की कील रख कर दान कर दें। शनिवार या मंगलवार को हनुमान जी को चमेली का तेल का चोला व सिंदूर चढ़ाएं।

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