








बीकानेर abhayindia.com कॉमर्शियल वाहनों के फिटनेस टेस्ट की अवधि में बदलाव किया गया है। इसके तहत किसी भी नए वाहन को शुरुआत के आठ साल तक केवल चार बार फिटनेस टेस्ट कराना होगा। उसे इस अवधि के दौरान दो-दो साल के लिए फिटनेस किया जाएगा। इसके बाद नौ से 15 साल तक हर साल और 15 साल पुराना होने के बाद हर छह माह में फिटनेस टेस्ट कराना होगा। गौरतलब है कि 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को लेकर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने नया आदेश जारी किया है। इसके तहत अब इन वाहनों का हर छह माह में फिटनेस टेस्ट कराना होगा और मानकों पर खरा नहीं उतरने पर खटारा वाहन खुद ब खुद चलन से बाहर हो जाएगा।
जानकारी के अनुसार कॉमर्शियल वाहनों के फिटनेश जांच के लिए जारी नए आदेश के तहत पहले दो साल तक तो फिटनेश जांच की आवश्कता नहीं है। इसके बाद आठ साल तक दो-दो साल में, आठ से 15 साल तक एक साल में और फिर पन्द्रह साल के बाद हर छह माह में फिटनेश की जांच करानी होगी। ऐसा होने से सफर सुरक्षित होगा। विशेषकर पुरानी बसें नहीं चल पाएंगी। केवल उन्हीं बसों का फिटनेस मिल पाएगा, जो पूरी तरह दुरुस्त होंगी।
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