








बीकानेर abhayindia.com राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में “राज्य की पेयजल की स्थिति पर विचार” विषयक चर्चा में बोलते हुए नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने नोखा विधानसभा क्षेत्र के गांवों और शहर की पेयजल की विकट स्थिति पर जोरदार पक्ष रखा। बिश्नोई ने कहा कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना में लोंगोवाल समझौते के अनुरूप तय किया गया पूरा पानी नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पोंग डेम की स्थापना के लिए वहां से विस्थापित किए गए लोगों के पुनर्वास के लिए सबसे ज्यादा जमीनें बीकानेर जिले ने उपलब्ध कराई है, लेकिन इसके बावजूद हमारे हितों की अनदेखी की जा रही है।
विधायक बिश्नोई ने कहा कि नोखा परिक्षेत्र के नोखा शहर, गांवों और ढाणियों को नहर का पानी उपलब्ध कराने की स्वीकृति वर्ष 2008 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दे दी थी और उसके लिए तत्समय 374 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान भी किया गया था। हमारे लिए पानी भी रिज़र्व किया जा चुका था, लेकिन आगे चलकर ना जाने क्यों नागौर लिफ्ट के द्वितीय चरण में प्रस्तावित किए गए इस काम को रोक दिया गया।
नोखा क्षेत्र में फ्लोराइड की समस्या और रीतते भूजल की ओर सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए बिहारीलाल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीएचईडी मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला से आग्रह किया कि नोखा से नागौर और डीडवाना के लिए दो-दो स्कीमों से पानी जा रहा है और हम प्यासे बैठे हैं, यह कहाँ का न्याय है ?
इसके साथ ही बिश्नोई ने सदन में उपस्थित मंत्री डॉ. कल्ला से अनुरोध किया कि जब तक नोखा शहर और गांवो के लिए नहरी पेयजल परियोजना स्वीकृत नही होती है, तब तक विभाग द्वारा विभिन्न गांवों पांचू, रासीसर, ढिंगसरी, सुरपुरा, काहिरा, बँधाला आदि विचाराधीन पेयजल स्कीमों को तत्काल स्वीकृत किया जाए ताकि पानी की समस्या नही रहे।
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