नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की दसवीं की परीक्षा में दिल्ली सरकार से सहायता प्राप्त नामी स्कूल का परिणाम शून्य प्रतिशत रहा है। रामजस सेकेंडरी स्कूल नंबर-छह के 20 छात्रों ने इस वर्ष दसवीं की परीक्षा दी थी, इनमें से एक भी छात्र परीक्षा में पास नहीं हो सका है। इसे लेकर खुद सीबीएसई हैरान है। सीता राम बाजार स्थित रामजस फाउंडेशन के रामजस सैकेंडरी स्कूल नंबर-छह को वित्त पोषण दिल्ली सरकार से मिलता है, वहीं, स्कूल शिक्षा निदेशालय के अधीन संचालित होता है, जबकि स्कूल का प्रबंधन रामजस फाउंडेशन के पास है। इस वर्ष स्कूल के 20 छात्रों ने दसवीं की परीक्षा दी थीए जिनमें से 11 छात्र परीक्षा में फेल हो गए हैं, जबकि नौ छात्रों की परीक्षा में कंपार्टमेंट आई है।
स्कूल के इस प्रदर्शन को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल एस. पी. भारती का कहना है कि फेल हुए सभी छात्र पढ़ाई में बहुत ही कमजोर थे। शिक्षा निदेशालय के निर्देशों के तहत बोर्ड परीक्षा के लिए इन छात्रों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से इनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई गई थीं, लेकिन अतिरिक्त कक्षाओं में छात्र शामिल ही नहीं हुए। यही नहीं, अभिभावकों ने भी इसके लिए सहयोग नहीं किया।
प्रिंसिपल के अनुसार स्कूली छात्रों के परीक्षा परिणाम से अवगत कराती एक रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय समेत रामजस फाउंडेशन मैनेजमेंट को सौंप दी गई है। गौरतलब है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने इस वर्ष अपनी नीति को उदार करते हुए 10वीं में पास होने के मानदंड में बदलाव किया था, इसके तहत 20 अंक वाली आंतरिक परीक्षा के मूल्यांकन और 80 अंक वाली बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन को मिलाकर 33 प्रतिशत अंक लाने पर भी छात्रों को पास करने की नीति बनाई गई थी, इसके बावजूद स्कूल का दसवीं का परीक्षा परिणाम अत्यंत निराशाजनक रहा।