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बीकानेर abhayindia.com नगर निगम चुनाव को लेकर दिग्गज नेता देवीसिंह भाटी के ताल ठोक देने के बाद से भारतीय जनता पार्टी के समीकरण गड़बड़ा गए हैं। टिकट वितरण को लेकर भाजपा ने जो पॉलिसी बनाई थी, उसमें अब अचानक बदलाव करना पड़ गया है। हालांकि सभी 80 वार्डों के लिए तीन व इससे अधिक संभावित प्रत्याशियों के पैनल बना लिए गए हैं, लेकिन इनमें भाटी समर्थक कौन-कौन है, इसकी स्क्रूटनी की दरकार महसूस की जाने लगी है। ऐसे में भाजपा के लिए टिकट वितरण का काम बेहद पेचीदा हो गया है।
हालांकि बुधवार को प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा ने यह संकेत दे दिए थे कि इस बार नये चेहरों को ही टिकट दिया जाएगा। पार्टी का यह फैसला यह संकेत देने के लिए काफी है कि अबकी बार भाटी गुट के पार्षद ही नहीं, बल्कि कुछ अन्य प्रत्याशी भी किनारे लगा दिए जाएंगे।
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बहरहाल, भाजपा की स्थानीय निकाय चुनाव संचालन समिति की गुरुवार को बैठक है। इसके बाद एक नवम्बर को जिलाध्यक्षों की बैठक होनी है। उक्त बैठक में जिलाध्यक्षों से पैनल मंगवाए गए हैं। इस बीच, भाजपा यह टोह लेने में भी जुट गई हैं कि निकाय चुनाव के दौरान पार्टी के कौन-कौनसे चेहरे देवीसिंह भाटी के साथ खड़े नजर आते हैं।
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सूत्रों की मानें तो भाटी के चुनावी समर में कूदने के बाद भाजपा टिकट वितरण को लेकर भी अपने नेताओं को जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार किया जाएगा। यानी यह साफ हो गया है कि जब तक कोई वरिष्ठ नेता प्रत्याशी की जीत की जिम्मेदारी नहीं लेगा, तब तक टिकट फाइनल नहीं हो सकेगा। हालांकि पार्टी ने ये फार्मूला पिछले निकाय चुनावों में भी आजमाया था, लेकिन भाजपा के अधिकांश बड़े नेता अपने पार्षद प्रत्याशी को जिता नहीं पाए थे। कुछ वार्डों में तो उनके प्रत्याशी तीसरे नंबर पर चले गए थे।
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