Sunday, May 5, 2024
Hometrendingमूट कोर्ट का आयोजन, सरकार बनाम रामदेव के मामले में आरोपी बरी

मूट कोर्ट का आयोजन, सरकार बनाम रामदेव के मामले में आरोपी बरी

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

बीकानेर Abhayindia.com ज्ञान विधि पी.जी. महाविद्यालय के छात्रों द्वारा आज सरकार बनाम रामदेव के मामले में मूट कोर्ट का मंचन किया गया। इस मामले के तथ्य इस प्रकार से थे कि पीडि़ता किरण की शादी दिनाक 02.07.2015 को मुल्जिम रामदेव के साथ हुई थी। उसके ससुराल वाले उसे शादी के दोतीन दिन बाद ही उसे दहेज के लिए तंग और परेषान करने लग गये। उसके साथ मारपीट की उसका स्त्रीधन हड़प लिया और धक्के देकर बाहर निकाल दिया जिस पर उसने आई.पी.सी. की धारा 498 323, 406 के अधीन मुकदमा दर्ज करवाया।

इसके बाद पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार किया मामले का अनुसंधान कर पुलिस ने चालान पेश किया। न्यायालय ने मामले का विचारण किया तथा विचारण में गवाहों के बयानो में विरोधाभास पाया तथा विरोधाभासों के कारण अभियोजन पक्ष का मामला संदेह से परे साबित नहीं माना और संदेह का लाभ अभियुक्त के पक्ष में दिया जाकर अभियुक्त रामदेव को बरी कर दिया।

इस मूट कोर्ट के आयोजन में न्यायाधीश के रूप में विधि तृतीय वर्ष की छात्रा दिव्या सोढ़ा, पेशकार के रूप में रूकमणी भाटी और स्टेनो के रूप में निशा राजपुरोहित, अभियुक्त के रूप में प्रथम वर्ष के छात्र प्रवीण ने तथा अधिवक्ता की भूमिका में रहमान खान ने अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता तथा अभियुक्त के अधिवक्ता की भूमिका में निकिता सोनी तृतीय वर्ष की छात्रा ने अपनी भूमिका अदा की। इसी प्रकार से अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में मृतका परिवादिया किरण के पिता के रूप में छात्र ओम प्रकाश पुरोहित, भाई के रूप में अजय, चचेरे भाई के रूप भुवनेश, पड़ोसी गवाह के रूप में अश्विन एस.एच.. के रूप में तृतीय वर्ष की छात्रा लक्ष्मी बिश्‍नोई अनुसंधान अधिकारी के रूप में तथा हलकारा के रूप में छात्र चान्द रतन गहलोत ने भूमिका अदा की।

इसके बाद दोनो पक्षों की बहस हुई। बहस के बाद में न्यायाधीश ने अभियोजन पक्ष का मामला संदेह से परे साबित नहीं माना और संदेह का लाभ अभियुक्त के पक्ष में दिया जाकर अभियुक्त को बरी करने का निर्णय सुनाया। इस प्रकार से छात्रों ने अपराधिक मूट न्यायालय का मंचन कर न्यायालय में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को जाना व समझा।

इस अवसर पर मूट कोर्ट में मुख्य अतिथि पूर्व अध्यक्ष बार कॉसिंल ऑफ राजस्थान, एवं बार कॉन्सलर वरिष्ठ अधिवक्ता कुलदीप शर्मा तथा विशिष्ट अतिथि प्राचार्य राजकीय विधि महाविद्यालय डॉ. भगवाना राम बिश्‍नोई एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्राचार्य राजकीय विधि महाविद्यालय डॉ. अनिल कौशिक ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कुलदीप शर्मा ने कहा कि छात्रों का प्रयास सराहनीय रहा है तथा इस प्रकार के आयोजनों से छात्रों को व्यावहारिक जानकारी मिलती हैं। विशिष्ट अतिथि डॉ. भगवाना राम बिश्‍नोई ने कहा कि मूट कोर्ट मंचन को और भी प्रभावशाली बनाने के लिए मार्गदर्शन किया। अपने अध्यक्षीय उदबोधन ने डॉ. अनिल कौशिक ने कहा कि सच्ची लगन व कड़ी मेहनत से सफल अधिवक्ता व न्यायाधीश की भूमिका अदा की जा सकती है। जो कि विद्यार्थियों को वास्तविकता में अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए मार्गदर्शक होगी। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. बी.एल. बिश्‍नोई ने मूटकोर्ट मंचन को सराहा तथा इसके लिए स्टाफ को साधूवाद दिया और कहा कि हर सफल अधिवक्ता को निरन्तर नवीनतम मामलों का अध्ययन करते रहना चाहिए और अपने मुव्वकिल के प्रति ईमानदारी से पैरवी करनी चाहिये यही अच्छे अधिवक्ता की पहचान है। मूटकोर्ट मंचन व्याख्याता एडवोकेट धनराज सोनी के निर्देशन में किया गया। अंत में सहायक आचार्य डॉ. योगेश पुरोहित ने अतिथियों व छात्रों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर सहायक आचार्य डॉ. संतोष बिश्‍नोई, सहायक आचार्य डॉ. एम.एल. जोईया, सहायक आचार्य राकेश कुमार और रतन लाल आदि भी उपस्थित थे।

इस प्रकार इस मूट कोर्ट के मंचन द्वारा छात्रों ने विधि के व्यवहारिक ज्ञान को जाना एवं समझा। इसलिए आज के इस मूट कोर्ट के कार्यक्रम में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा न्यायिक कार्यवाहियों को रूबरू देख, सुन व समझ कर ज्ञान अर्जित किया।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular