Sunday, December 22, 2024
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संवेदनशी हो जाये अधिकारी -शिक्षा राज्यमंत्री

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जयपुर (अभय इंडिया  न्यूज़ )। शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अधिकारी संवेदनशील बनकर अपने यहां आने वाले कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान करेंं। उन्होंने कहा कि शिक्षा निदेशालय की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है।
श्री देवनानी बुधवार को बीकानेर जिले में प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के सभागार में आयोजित बैठक में विभागीय योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है। इसी मंशा के अनुरूप शिक्षा निदेशालय अपनी अहम भूमिका निभाएं। मंत्री ने मेघावी विद्यार्थियों को लेपटॉप वितरण  योजना की समीक्षा की तथा कहा कि आने वाले समय में दीपावली के आसपास मेघावी विद्यार्थियों को लेपटॉप दिए जाने की व्यवस्था करें।
उन्होंने कहा कि डिजीटल इंडिया के डिजीटल लिट्रेसी कार्यक्रम के तहत निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने में व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्य करें। जिन कार्मिकों ने आरकेसीएल के तहत कोर्स पूरा कर लिया है, उनका फीडबैक लिया जाए, जिससे कोर्स की उपयोगिता सिद्ध की जा सके। उन्होंने अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विशेष पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को दी जा रही छात्रवृत्तियों की समीक्षा करते हुए विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इस कार्य में किसी भी स्तर पर की गई लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
श्री देवनानी ने मुख्यमंत्री हमारी बेटियां की योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि विद्यालय में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली छात्राओं पर विशेष ध्यान दिया जाए,जिससे वे 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाकर गार्गी पुरस्कार हासिल कर सके। उन्होंने अनुकम्पा नियुक्ति के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए  कहा कि अधिकारी ऎसे प्रकरणों में संवेदनशीलता बरते और व्यक्तिगत रूचि लेकर,अनुकम्पा नियुक्ति के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक भी प्रकरण बकाया नहीं रहना चाहिए।
शिक्षा राज्य मंत्री ने सैनिक वर्ग के लिए लागू छात्रवृत्ति एवं योजनाओं के बारे में कहा कि 1999 से पहले शहीद हुए सैनिकों (गैलेन्ट्री अवार्ड ) के नाम पर स्कूल का नामकरण किया जा सकता है। उन्होंने राजकीय स्कूलों में वर्ष 2019-17 से वर्ष 2017-18 तक प्रवेशोत्सव व नामांकन की जानकारी ली और कहा कि प्रधानाध्यापक व प्रधानाचार्य रूचि लेकर नामांकन वृद्धि के लिए प्रयास करें। साथ ही इस कार्य के में जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाए। उन्होेंने कहा कि गांव में जिस बच्चे की आयु पांच वर्ष हो चुकी है,वह विद्यालय में नामांकन से वंचित नहीं रहना चाहिए। इसके लिए घर-घर सर्वे किया जाए।
शिक्षा राज्य मंत्री ने प्रारंभ शिक्षा प्रारंभिक शिक्षा विभाग के तहत वेतन भुगतान की स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस पर राज्य मंत्री को बताया गया कि विभाग में कुल कार्यरत शिक्षक 155829 में से सर्व शिक्षा अभियान अन्र्तगत 88956 शिक्षक कार्यरत है। उन्होंने ज्ञान संकल्प पोर्टल, आरटीई,  विभागीय जांच,  कोर्ट केस,आदर्श विद्यालय योजना, राजस्थान सम्पर्क पोर्टल, शालादर्पण, गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं द्वारा ऑनलाईन मान्यता के आवेदन प्रकरणों की भी समीक्षा की।
बैठक में संसदीय सचिव डॉ विश्वनाथ मेघवाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री नथमल डिडेल, प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक श्री पीसी किशन, महापौर श्री नारायण चोपड़ा, डॉ सत्यप्रकाश आचार्य, श्री सहीराम दुसाद सहित शिक्षा निदेशालय के अधिकारी उपस्थित थे।
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