Sunday, May 5, 2024
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कुलाधिपति की स्वर्णिम परिकल्पनाओं को साकार कर प्रगति के पथ पर अग्रसर एमजीएसयू, विजन-2030 की तैयारी…

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बीकानेर Abhayindia.com महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर (एमजीएसयू) राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र की स्वर्णिम परिकल्पनाओं को साकार करते हुए विश्वविद्यालय अपने मूल स्वरूप को विकसित कर समाज एवं देश हित में शिक्षा एवं शोध में नवाचारों के माध्यम से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। विश्वविद्यालय का प्रत्येक कार्मिक विश्वविद्यालय को एक ऐसे राष्ट्रीय शिक्षण संस्था के रूप में विकसित करने में अपना सम्पूर्ण योगदान दे रहा है जो विश्व के विश्वविद्यालयों के लिए भी एक माॅडल बन सके।

एमजीएसयू के कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने आज पूरे हुए अपनेे दो वर्षीय कुलपति कार्यकाल में कार्यो पर बातचीत करते हुये प्रेस को बताया कि कुलाधिपति की प्रेरणा एवं उनके मार्गदर्शन में महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय देश की आज़ादी की 75 वीं वर्षगांठ ‘‘आज़ादी के अमृत महोत्सव’’ पर युवाओं में राष्ट्र प्रेम की भावना का जगाने के लिए स्थानीय, राष्ट्रीय स्तर पर आज़ादी की लडाई में योगदान देने वाले हमारे महापुरूषों की जीवनी को कृतियों, कार्यक्रमों, संगोष्ठी, कार्यशालाओं के माध्यम से अभियान चलाया जा रहा है। विश्वविद्यालय परिसर संविधान पार्क, विवेकानन्द स्मारक एवं अहिंसा पार्क में यहां आने वाले विद्यार्थियों को राष्ट्र प्रेम एवं गांधीजी एवं विवेकानन्दजी के सिद्धान्तों से परिचित होने का सुअवसर मिलेगा।

कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि कुलाधिपति के निर्देशानुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को विश्वविद्यालय स्तर पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित कराने के लिए माइक्रो टाॅस्क फोर्स का गठन कर ऑनलाइन लेक्चर सीरीज़ के आयोजन करवाये गए तथा देश-विदेश के शिक्षाविदों से प्राप्त सुझावों को संकलित कर विश्वविद्यालय सकारात्मक रूप से लागू की जा रही है। विश्वविद्यालय की ओर से सत्र 2021-22 से विभागों में च्वाइस बेस्ड क्रेडिट प्रणाली लागू करते हुए एल.ओ.सी.एफ. के अनुसार पाठ्यक्रम संचालित किये है तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू की जा रही है। शैक्षणिक नवाचारों के अंतर्गत आत्मनिर्भर भारत की आवश्‍यकताओं के अनुरूप विश्वविद्यालय में इनोवेशन केन्द्र को विकसित कर इस क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए तकनीकी शिक्षा ग्रहण करने का मुख्य केन्द्र बनाकर सूचना एवं प्रौद्योगिकी का विकास किया जाएगा।

उन्‍होंने बताया कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय शैक्षणिक उन्नयन के साथ-साथ खेलों के क्षेत्र में निरन्तर प्रगति कर रहा है। परिसर में इण्डोर स्पोट्र्स काॅम्पलेक्स, साइकिल वेलोड्रम, सिंथेटिक ट्रैक खिलाड़ियों के लिए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की लिए वरदान साबित होंगी तथा महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय की उच्च शिक्षा केन्द्र के साथ-साथ ‘‘स्‍पोर्टस हब’’ के रूप में भी पहचान बनेगी। विश्वविद्यालय विद्युत क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है। परिसर में 100 किलो वाॅट क्षमता का ‘‘ग्रीन सोलर काॅरिडोर’’ एवं 400 किलो वाॅट क्षमता का सोलर प्लान्ट विकसित किया गया। इसी तरह  विश्वविद्यालय में वृहद वृक्षारोपण के द्वारा परिसर में आने वाले आगन्तुकों एवं विद्यार्थियों को शुद्ध वातावरण देने के उद्देश्य से ‘‘ऑक्सीजन पार्क’’ विकसित किया गया जिससे न केवल परिसर में बल्कि सम्पूर्ण बीकानेर क्षेत्र को भी कार्बन मुक्त होगा। परिसर में निर्मित 1000 की बैठक क्षमता वाला पूर्णतः वातानुकूलित ऑडिटोरियम से राष्ट्रीय व अन्तरराष्ट्रीय स्तर की शैक्षणिक संगोष्ठियों के आयोजन एवं अकादमिक आदान-प्रदान के लिए शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को उचित स्थल उपलब्ध होगा। कुलाधिपति की प्रेरणा से विश्वविद्यालय द्वारा अनूठी पहल करते हुए संस्थागत दीक्षान्त समारोह तथा कुलाधिपति पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी को एक दिन का मानद् कुलपति बनाना विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति जुड़ाव पैदा करते हुए पदक प्राप्त करने की होड पैदा करने का कार्य कर रहा है।

कुलपति प्रो. सिंह ने बताया कि विष्वविद्यालय स्थापना का मुख्य उद्ेदश्‍य हमारे क्षेत्र के विद्यार्थियों को अधिक से अधिक सुविधाएं प्रदान करते हुए उनके शैक्षणिक रूझान को बढ़ावा देना है क्योंकि हमारे विद्यार्थी ही हमारी पूँजी है। विद्यार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए विश्‍वविद्यालय में स्मार्ट क्लास, वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग सुविधा, आधुनिक तकनीक युक्त कम्प्यूटर लैब, आधुनिक प्रयोगशालाएँ आदि सुविधाएं विकसित की गई है जिससे यहाँ के विद्यार्थी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रख्यात शिक्षाविदों के व्याख्यान भी ऑनलाइन सुन सकेंगे साथ ही साथ हमारे शिक्षकगण भी ऑनलाइन माध्यम से सम्बद्ध महाविद्यालयों तथा दूर-दराज़ में बैठे विद्यार्थियों तक अपने विचार पहुंचा सकेंगे। साथ ही कुलाधिपति की प्रेरणा से परिसर में ‘केन्द्रीय शोध’ केन्द्र स्थापित किया जा रहा है जिससे विश्वविद्यालय के साथ-साथ सम्बद्ध महाविद्यालयों के शिक्षक एवं विद्यार्थी भी यहां आकर शोध कर सकेंगे तथा सम्बद्ध महाविद्यालयों को विश्वविद्यालय के केन्द्रीय पुस्तकालय से ऑनलाइन जोड़कर विश्वविद्यालय में उपलब्ध सुविधाओं को सम्बद्ध महाविद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

दो वर्षीय कुलपति कार्याकाल पूर्ण के अवसर पर प्रेस से बातचीत के दौरान कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय को नई ऊॅचाइयों में ले जाने के निरन्तर प्रयास करने के तहत विश्वविद्यालय की ओर से विजन-2030 तैयार किया जा रहा है जो इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।

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