







मुकेश पूनिया/बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। नशीली दवाओं की बिक्री पर पांबदी के बावजूद बीकानेर शहर के कई मेडिकल स्टोर्स पर बेधड़क बेची जा रही है। हांलाकि प्रावधान यह है कि डाक्टर की पर्ची बिना किसी को नशीली दवांए नहीं दी जा सकती, लेकिन मोटे मुनाफे के चक्कर में बीकानेर के मेडिकल स्टोर्स संचालक जमकर नशे की दवाइयां बेच रहे हैं।
नशीली दवाइयों की यह दुकानदारी अधिकृत मेडिकल स्टोर से लेकर निजी क्लीनिकों में स्थित दवाओं की दुकानों में भी चल रहा है। पुख्ता खबर है कि शहर में हैड पोस्ट ऑफिस के सामने, पुरानी जेल रोड, राजकीय जिला अस्पताल के सामने, रानी बाजार औद्योगिक क्षेत्र समेत अनेक इलाकों में ऐसे दर्जनों मेडिकल स्टोर्स हैं, जहां नशेडिय़ों को नशीली दवाइयां आसानी से मुहैया हो जाती है, इनमें अनेक प्रतिबंधित भी शामिल है। मेडिकल स्टोर्स संचालक इन नशीली दवाओं के मुंहमांग दाम लेते है।
औषधि नियंत्रक विभाग कार्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार शहर की ही बात करें तो कई मेडिकल स्टोर के हाल ही औचक निरीक्षण में नशीली दवाइयों का रिकॉर्ड गड़बड़ मिला है, हालांकि औषधि नियंत्रक विभाग अधिकारियों और निरीक्षकों ने नशीली दवाओं की बिक्री पर प्रभावी ढंग से पाबदी के लिये लंबे समय से मुहिम भी चलाई थी, लेकिन फिर उसे पांबदी लगाने में नाकामी ही मिल रही है। औषधि नियंत्रण विभाग के आंकड़ों के अनुसार फार्मासिस्ट की गैर हाजिरी, दवाइयों का विक्रय विवरण नहीं होना, बिल व रिकॉर्ड में गड़बड़ी तथा कई अन्य मापदंडों के उल्लंघन के चलते औषधि नियंत्रण विभाग के अफसरों ने यहां पिछले दो साल में चार दर्जन से ज्यादा मेडिकल स्टोर्स पर कार्यवाही कर उनका लाइसेंस निलंबित कर चुके हैं, लेकिन जो गड़बडिय़ां निलंबन व लाइसेंस निरस्त का आधार बनी, उनके पीछे के कारणों को समझने का कभी प्रयास नहीं किया गया। मोटे तौर पर नशीली दवाइयों का धंधा इसकी वजह है। बिल व रिकॉर्ड में हेर-फेर कर के ही नशीली दवाइयां बिना मापदंडों के बेची जा सकती है। जो मेडिकल स्टोर्स संचालक यह नशीली दवाओं को बेच कर मुनाफे का धंधा कर रहे है उनको भी अधिकृत तौर पर दवाइयों का कारोबार करने वाले ही माल उपलब्ध करवाते हैं।
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