Tuesday, December 31, 2024
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कभी गौशाला में गुजारी थीं रातें, अब सवा करोड़ को ‘गोल्ड’ दिलाएगी भारत की ये बेटी…

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सुरेश बोड़ा (अभय इंडिया)। उसके घर में खुशी जैसे कोसों दूर थी। कभी गौशाला में भी रातें गुजारनी पड़ी थी। मां को लोगों के घरों में काम करते देखा। पर, आज वो भारत की बेटी सवा करोड़ देशवासियों की झोली में ‘सोना’ डालने की तैयारी में। फिल्मी कहानी सी लगने वाली यह सच्ची कहानी हैं भारत की बेटी एथलीट खुशबीर कौर की। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में 18वें एशियन गेम्स में खुशबीर से भारत को पदक की उम्मीद है। गेम्स शुरू होने में महज एक सप्ताह से भी कम का समय रह गया है। इसमें भारत की तरफ से 543 एथलीट 34 खेलों में हिस्सा ले रहे हैं।

खुशबीर ने दिलाया था रजत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अमृतसर के रसुलपुर कालन की रहने वाली 25 वर्षीय खुशबीर कौर ने 2014 के एशियन गेम्स में पैदल चाल प्रतियोगिता में भारत को रजत पदक दिलाया था। इस बार के एशियन गेम्स में भारत को उनसे गोल्ड की उम्मीद है। एक समय ऐसा भी था जब खुशबीर के घर में खाने के लाले थे, मां ने लोगों के यहां काम कर करके बेटी को पाला, लेकिन वर्ष 2014 के एशियन गेम्स में जीत के बाद अब वो ऐसे मुकाम पर पहुंच गई है, बीते दिन उसे भूले नहीं भुलाते। खुशबीर फिलहाल पंजाब पुलिस में डीएसपी हैं। वह बेंगलुरु में आने वाले एशियन गेम्स 2018 के लिए नेशनल कैंप में हिस्सा ले रही हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में खुशबीर ने अपने बीते दिनों को याद करते हुए काफी बातें शेयर की। इस दौरान उन्होंने कहा कि काफी मुश्किल भरा सफर रहा है।

बिना पिता के गुजरा बचपन

खुशबीर के पिता का निधन उस समय ही हो गया जब वो महज छह साल की थी। इसके बाद उनकी मां ने खुशबीर समेत 4 लड़कियों और एक लड़के को बमुश्किल पाला। 2008 में जूनियर नेशनल में खुशबीर इसलिए नंगे पांव दौड़ीं थी, क्योंकि परिवार दौडऩे के लिए महंगे जूते नहीं खरीद सकता था। खुशबीर कौर की मां बताती है कि उनका परिवार इतना गरीब था कि वो बारिश से बचने के लिए गौशाला में सोते थे। आर्थिक तंगी के चलते उन्हें दिन में दो वक्त की रोटी तक नहीं मिल पाती थी। कपड़े सिलने और गांव में दूध बेचने का काम करती थी।

14 साल की उम्र दिखा दी प्रतिभा

खुशबीर कौर ने वर्ष 2007 में 14 साल की उम्र में राज्य स्तर की 3000 मीटर रेस दौड़ जीती। एशियाई चैंपियन बलदेव सिंह ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उनसे ट्रेनिंग लेते हुए खुशबीर अंतराष्ट्रीय सर्किट में हिस्सा लेने लगी। इससे पहले साल 2010 के यूथ एशियाई खेलों में खुशबीर ने रजत पदक जीता। फिर खुशबीर 2012 में कोलंबो में हुई एशियन जूनियर चैंपियनशिप में दस हजार मीटर में कांस्य पदक जीतकर चर्चा में आईं। खुशबीर के नाम इस प्रतियोगिता में नेशनल रिकॉर्ड दर्ज है।

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