










बीकानेर abhayindia.com उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 30वीं पुण्यतिथि के अवसर पर राजीव गांधी स्टडी सर्किल और राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में “लोकतंत्र में संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता जरूरी है” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय वेबिनार में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि देश में कांग्रेस पार्टी द्वारा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवहन और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में अनेक स्वशासी संस्थानों की स्थापना की गई, जिन्होंने देश-विदेश में एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में अपनी इमेज बनाई।
आज उन्हीं संस्थानों को केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण कर निजी क्षेत्र के हवाले किया जा रहा है। इन सब संस्थानों की स्थापना कांग्रेस सरकार द्वारा व्यापक लोकहित में की गई थी। देश में यूजीसी, एआईसीटीई, बीसीआई, एमसीआई, एम्स, आईआईटी, आईआईएम आदि सुस्थापित संस्थानों में केंद्र सरकार द्वारा हस्तक्षेप करके स्वायत्तता को समाप्त किया जा रहा है। देश की नवरत्न इकाइयों जिनमें मुख्यत: लोहा-इस्पात, जिंक, कॉपर, पेट्रोलियम आदि के खनन एवं उत्पादन से संबंधित संस्थान हैं, उन्हें निजी क्षेत्र में बेचा जा रहा है।देश के सभी एयरपोर्ट्स और रेलवे को भी निजी क्षेत्र के हवाले किया जा रहा है। यहां तक की सुप्रीम कोर्ट के माननीय न्यायाधीशों की नियुक्ति में भी हस्तक्षेप किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्व. राजीव गांधी ने सत्ता के विकेंद्रीकरण का मार्ग चुना था। उनका मानना था कि भारत गांवों का देश है, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों के आमजन के हाथ में सरकार और सत्ता होनी चाहिए। इसके लिए उन्होंने लोकल गवर्नेंस के तहत पंचायती राज के माध्यम से ग्राम पंचायत, पंचायत समिति व जिला स्तरीय स्वशासन को आगे बढ़ाया और आज जो स्थानीय प्रशासन या सरकार का रूप हम देख रहे हैं, यह सब उन्हीं की देन है।
भाटी ने बताया कि आधुनिक भारत का निर्माण उन्हीं का सपना था, जिसके लिए उन्होंने देश में दूरसंचार, कंप्यूटरीकरण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाए। नई शिक्षा नीति 1986, स्थानीय शासन में महिलाओं को आरक्षण, युवाओं को रोजगार व मतदान का अधिकार आदि सब उन्हीं के द्वारा देश को 21वीं सदी में ले जाने के लिए लागू किया गया था।
उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने इस वेबिनार में अपने विचार रखते हुए कहा कि जहां एक ओर राजीव गांधी जी ने सत्ता का विकेंद्रीकरण किया और पंचायती राज के माध्यम से गांव-गांव तक जनप्रतिनिधि चुने जाने और उन्हें शासन चलाने का अधिकार दिया। वहीं दूसरी ओर, वर्तमान केंद्र सरकार सत्ता को केंद्रीकृत करके लगभग अधिनायकवाद की ओर ले जा रही है। इस सरकार ने सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी और यहां तक कि न्यायपालिका जैसी संस्थाओं को भी राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ उपयोग में लाने के लिए शक्तिहीन कर दिया है ।





