बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। कलक्टर डॉ. एन. के. गुप्ता ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत बैंकों में लंबित आवेदन पत्रों के धीमे निस्तारण पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि विभिन्न बैंकों में 31 मार्च तक प्राप्त हुए ऋण आवेदन पत्रों का 31 मई तक आवश्यक रूप से निस्तारण कर दिया जाए। साथ ही अस्वीकृत आवेदन पत्रों के संबंध में अस्वीकृति का स्पष्ट कारण अंकित कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
कलक्टर ने उक्त निर्देश मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय समन्वय समिति (डीएलसीसी) की बैठक में दिए। कलक्टर ने सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न ऋण योजनाओं की प्रगति समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि प्रशासन व बैंक अधिकारी समन्वय के साथ कार्य कर, जनकल्याणकारी योजनाओं के सभी पात्र व्यक्तियों को समय पर बैंक ऋण दिलवाएं। बैंकर्स सकारात्मकता व संवेदनशीलता के बाद कार्य करते हुए उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि रोड़ा एक्ट के लम्बित प्रकरण विशेष अभियान चलाकर निस्तारित किये जाएं।
प्रगति प्रतिवेदन : बैठक में बताया गया कि 31 मार्च को जिले के समस्त बैंकों और वित्तीय संस्थाओं का साख जमा अनुपात 86.91 प्रतिशत रहा। वहीं प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के अग्रिम, कुल अग्रिमों के 81.82 प्रतिशत तथा कृषि अग्रिम प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के कुल अग्रिमों के 60.79 प्रतिशत रहे जो निर्धारित बैंचमार्च से ऊपर हैं। वर्ष की चतुर्थ तिमाही तक एसएमई खंड के तहत 107 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की गई है। अब तक कुल 1 लाख 48 हजार 676 सक्रिय केसीसी खाते हैं। सोलर पम्पसेट योजना के तहत 135 पम्प के लिए वित्त पोषण दिया गया है। चतुर्थ तिमाही तक प्रधानमंत्री रोजगार सृृजन कार्यक्रम के तहत 108 आवेदन पत्रों को स्वीकृति जारी की गई व भामाशाह रोजगार सृजन योजना के तहत 309 आवेदन पत्रों पर स्वीकृति जारी कर 224 को ऋण वितरित किया गया। 872 स्वयं सहायता समूहों का बैंक लिंकेज व 661 समूहों का क्रेडिट लिंकेज किया गया।
बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजीत सिंह, आरबीआई के एलडीओ बी. एल. बैरवा, एसबीआई के डीजीएम पी. एस. यादव, जिला उद्योग केन्द्र महाप्रबंधक आर. के. सेठिया, जिला अग्रणी प्रबंधक एन. के. गौड़, एससी-एसटी निगम के एल. डी. पंवार, डीडीएम नाबार्ड रमेश तांबिया, आरसेटी निदेशक प्रभुदयाल, कपिल पुरोहित सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद थे।