




जयपुर Abhayindia.com प्रदेश कांग्रेस के शनिवार को हुए खुले अधिवेशन में कई नेताओं खुलकर कमियां खामियां गिनाईं। अधिकांश नेताओं ने ब्यूरोक्रेसी पर निर्भरता की जगह कार्यकर्ता आधारित सिस्टम विकसित करने का सुझाव दिया है। उनका साफतौर पर कहना था कि चुनाव कार्यकर्ता जितवाता है, अफसर नहीं। कार्यकर्ता को मजबूत किए बिना केवल अफसरों के भरोसे काम नहीं चलेगा। अधिवेशन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा , गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, भंवर जितेंद्र सिंह, सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा, सभी मंत्री, एआईसीसी और पीसीसी मेंबर मौजूद रहे।
अधिवेशन में सीएम के सलाहकार और नवलगढ़ से कांग्रेस विधायक राजकुमार शर्मा ने कहा कि हमारे मंत्री और अफसर कार्यकर्ता को शक की निगाह से देखते हैं। ब्लॉक से राजधानी तक कार्यकर्ता के काम होने चाहिए। हम रैली करते हैं या कोई कार्यकम करते हैं तो यही कार्यकर्ता काम करता है, उसे भी नीचे किसी को ऑब्लाइज करना होता हे। हम कार्यकर्ता के काम करेंगे तभी तो फील्ड में उसके साथ लोग खड़े होंगे, आर्थिक युग है। कार्यकर्ता को शक की निगाह से देखना बंद कीजिए। उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन दो दिन का रखना चाहिए था। अब विधायकों के साथ खूब सम्मेलन कर लिए अब कार्यकर्ताओं के सम्मेलन करने चाहिए।
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा कि अफसरों को चुनाव के वक्त टिकट नहीं देनी चाहिए। ये लोग जिंदगीभर नौकरी करते हैं और फिर टिकट ले लेते हैं, जबकि पार्टी के लिए काम कार्यकर्ता करता है। मेहनत कार्यकर्ता करें और टिकट अफसरों को मिले तो ग्रासरूट पर वर्कर हताश होता है।
अधिवेशन में महाराणा प्रताप और अकबर के बीच यृद्ध का प्रकरण भी उठा। दो दिन पहले कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के दोनों के बीच की लड़ाई को राजनीतिक और सत्ता का संघर्ष बताने पर विवाद चल रहा है। मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि अकबर के साथ राणा प्रताप की लड़ाई धार्मिक नहीं, स्वाभिमान की लड़ाई थी। स्वाभिमान की इस लड़ाई को भाजपा आरएसएस वाले धार्मिक रंग देते हैं।
गैर अनुमोदित कॉलोनियों में मकानों के पट्टे जारी करने की तैयारी





