Thursday, April 25, 2024
Homeबीकानेरकवि की नजर में : कोरोना के दो चित्र...

कवि की नजर में : कोरोना के दो चित्र…

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

कवि की नजर में : कोरोना के दो चित्र…

–एक–

आंख से होठ,

फिर दिल तक उतर

मुहब्बत

रूह में समाती थी जहां,

कोरोना की

कारस्तानियां अब

रोग बन

तन में आती है वहां

समय तुझे नमन।

–दो–

अंधेरे की

आंधी बन

चाहे लगा ले

कितनी भी पाबंदियां

औ कोरोना,

जज्बा मन का हमारे

सूरज की किरण-सा है

निकल कर

छा ही जायेगा

तुझ पर।

-रवि पुरोहित, बीकानेर, 9414416252

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular