जयपुर abhayindia.com हिन्दुत्व के पैरोकार कहे जाने वाले वीर दामोदर सावरकर को लेकर प्रदेश में सियासत गर्मा गई है। राजस्थान की गहलोत सरकार ने फैसला लिया है कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के दौरान स्कूल कि किताबों में जो गैरज़रूरी बदलाव हुए हैं, उन्हें वापस लिया जाए। इसके तहत ही वीर सावरकर से जुड़ी सामग्री में अहम बदलाव किया जा रहा है। इसमें सावरकर को वीर और देशभक्त नहीं, बल्कि जेल से बचने के लिए अंग्रेजों से दया मांगने वाला बताया गया है।
भाजपा ने इसे वीर सावरकर का अपमान बताया है, जबकि कांग्रेस का कहना है कि सिलेबस की समीक्षा के लिए गठित कमेटी के प्रस्तावों के अनुसार ही नया सिलेबस तैयार किया गया है। इसमें राजनीति जैसी कोई बात नहीं है। एक खबर के मुताबिक 3 साल पहले भाजपा सरकार ने स्कूली सिलेबस में सावरकर को वीर, क्रांतिकारी और महान देशभक्त बताया था। अब कांग्रेस शासन में तैयार किए गए सिलेबस में उनको जेल में यातनाओं से परेशान होकर अंग्रेजी हुकूमत से दया मांगने वाला बताया गया है।
आपको बता दें कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आते ही दो कमेटियों का गठन कर स्कूली शिक्षा के सिलेबस की समीक्षा का कार्य शुरू करवाया था। उस समय शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा था कि कांग्रेस सरकार सिलेबस की समीक्षा करवाएगी और उसमें आवश्यक संसोधन करेगी।
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