नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को आज स्मृति स्थल पर उनकी दत्तक पुत्री नमिता ने मुखाग्नि दी। अटल जी के अंतिम संस्कार के समय राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत कैबिनेट के मंत्री एवं बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। अंतिम यात्रा के दौरान भाजपा मुख्यालय से स्मृति स्थल के पांच किलोमीटर रास्ते पर हजारों लोगों ने अटलजी को पुष्प चढ़ाए। देशभर ने उन्हें विदाई दी। इस दौरान नरेंद्र मोदी अंत्येष्टि स्थल तक पैदल साथ आए। उनके अलावा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान समेत वरिष्ठ भाजपा नेता अंतिम यात्रा में साथ-साथ पैदल चले।
तीनों सेना प्रमुख, रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन, नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामगेयाल वांगचुक, बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली, नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार, अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई, श्रीलंका के कार्यवाहक विदेश मंत्री तिलक मारापना, लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने श्रद्धांजलि दी।
अटलजी की नातिन निहारिका को सेना ने अटलजी की पार्थिव देह पर लिपटा तिरंगा सौंपा। स्मृति स्थल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सभी दलों के प्रमुख नेता भी मौजूद थे। यमुना किनारे राष्ट्रीय स्मृति स्थल पर डेढ़ एकड़ जमीन पर अटलजी का स्मृति स्थल बनाया जाएगा। इससे पहले अंतिम दर्शनों के लिए उनकी पार्थिव देह को सुबह 9 बजे भाजपा मुख्यालय लाया गया था। यहां सभी दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। अटलजी ने गुरुवार शाम 5.05 बजे एम्स में अंतिम सांस ली थी।
पार्टी मुख्यालय में नरेंद्र मोदी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह समेत पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने अटलजी को पुष्पांजलि दी। श्रद्धांजलि देने के लिए अन्य दलों के नेता भी पार्टी मुख्यालय आए। इनमें सपा नेता मुलायम सिंह यादव, शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आप सांसद संजय सिंह, द्रमुक नेता ए राजा, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह शामिल थे। आडवाणी पूरे वक्त भावुक नजर आए।
जनता पार्टी टूटी तो अटलजी ने लिखा- गीत नहीं गाता हूं, भाजपा बनी तो लिखा- गीत नया गाता हूं