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दीपावली से पहले अधिकांश घरों में साफ-सफाई का सिलसिला शुरू हो चुका है। यह विश्वास है कि दीपावली की रात्रि में लक्ष्मी सद्गृहस्थों के घरों में विचरण कर यह देखती हैं कि हमारे निवास योग्य घर कौन-कौन से हैं? और जहाँ-कहीं उन्हें अपने निवास की अनुकूलता दिखाई पड़ती है, वहीं रम जाती हैं। त्योहार सफाई की जल्दबाजी में कई बार लोग ऐसी गलतियां कर देते है जो उनके लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।
भगवती लक्ष्मी को कौन-कौनसी वस्तुएँ प्रिय अथवा अप्रिय हैं इसका विवेचन अतीव कुशलतापूर्वक महाभारतादि ग्रन्थों में किया गया है। महाभारत में स्पष्टरूप से बताया गया है कि घर की स्वच्छता, सुन्दरता और शोभा तो भगवती लक्ष्मी के निवास की प्राथमिक आवश्यकता है ही, साथ ही उन्हें ये सब भी अपेक्षित हैं। गृहशुद्धिः करणीया नित्यं सुखसमृद्धये। अशुद्धगृहे वसन्तो न सुखमेधते जनः। इसका आशय है घर की सफाई नियमित रूप से करनी चाहिए, इससे सुख और समृद्धि आती है। अशुद्ध घर में रहने वाले लोग सुखी नहीं होते। सफाई के दौरान क्या हटाए क्या रखे इस सम्बंध में वास्तु शास्त्र काफी कुछ कहता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार, घर के किसी भी कोने में टूटा हुआ शीशा नहीं रहना चाहिए। वास्तु के अनुसार टूटा हुआ शीशा अपशकुन माना जाता है और यह आपको निर्धन बनाता है। घर की किसी खिड़की या दरवाजे का शीशा यदि टूटा है तो इसे दीवाली से पहले तुरंत सही करवा लें। यहां तक कि बाथरूम की खिड़कियों में भी टूटा हुआ शीशा नहीं छूटना चाहिए।
अगर आपके घर में बिजली से चलने वाले किसी यंत्र में कोई कमी आ रही है या फिर यह पूरी तरह से खराब हो चुका है तो इसे दीपावली से पहले या तो सही करवा लें या फिर इसको कबाड़े में फेंककर इसके स्थान पर कोई दूसरा ले आएं। यहां तक कि घर के पंखे में से भी यदि कोई आवाज आ रही है तो उसे सही करवा लें या फिर बदल दें। पुरानी बंद पड़ी घड़ियां दुर्भाग्य को न्यौता देने के बराबर हैं। इन घड़ियों को या तो सही करवा लें और अगर सही करवाने लायक नहीं हैं तो फिर घर के बाहर फेंक दें। घर में बंद पड़ी घड़ियों को रखना जानबूझकर अपनी तरक्की को रोकने जैसा है।
यदि आपके घर में पूजा के स्थान में कोई मूर्ति खंडित है या फिर घर के किसी दूसरे भाग में कोई खंडित स्टैच्यू लगी है तो इसे भी दीपावली से पहले प्रवाहित करवा दें। टूटी हुई मूर्ति की पूजा करना शास्त्रों में गलत माना गया है। इसके स्थान पर नई मूर्ति ले आएं और उनको स्थापित करके उनकी पूजा करें। इसके अलावा पूजास्थल से अन्य टूटी हुई वस्तुएं भी हटा दें।
वास्तु में घर की छत की सफाई पर खास जोर दिया जाता है। ऐसा माना जाता है कि जिस घर की छत गंदी रहती है उस घर के लोग सदैव बीमार और दुखी रहते हैं। घर की छत सदैव एकदम साफ-सुथरी रहनी चाहिए और यहां पर कोई भी कबाड़ सामान नहीं रखना चाहिए। दीपावली से पहले घर की छत को धोकर अच्छे से साफ करवा लें।
घर के दरवाजों के कब्जों में तेल जरूर डालना चाहिए, ताकि दरवाजों को खोलने बंद करने पर कोई आवाज न आए। इसे वास्तु के हिसाब से ठीक नहीं माना जाता। दीपावली के दिन घर के मुख्य दरवाजे पर स्वास्तिक और लक्ष्मी चरण बनाने चाहिए। लेकिन ध्यान रखें की लक्ष्मी चरण घर में आने की दिशा में ही हो जाने की नहीं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार, टूटे डिब्बे, खराब खिलौने, बेकार सजावटी सामग्री, फटे कपड़े, टूटी चप्पल और पुरानी चादरें जितनी जल्दी हो सके निकाल दीजिए। घर में पिछले वर्ष के बचे दीये ना जलाएं, नए दीये खरीदें और दीपावली मनाएं। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, झाड़ू का सीधा संबंध मां लक्ष्मी से होता है, धनतेरस के दिन सोना चांदी खरीदने के अलावा झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ माना गया है. दिवाली की सफाई करते हुए ध्यान रखें कि शुक्रवार और गुरूवार के दिन घर से पुरानी झाड़ू नहीं फेंकनी चाहिए।
गुरूवार और शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी के माने जाते हैं, इसलिए इन दिनों पर इस बात का खास ख्याल रखें। लोकाचार है कि घर के किसी सदस्य के बाहर निकलने के तुरंत बाद झाड़ू कभी नहीं लगाना चाहिए। ऐसा माना जाता है ऐसा करने से घर से बाहर निकलने वाले व्यक्ति को उसके कार्य में सफलता नहीं मिलती है। साथ ही झाड़ू को हमेशा लिटा कर रखना चाहिए। झाड़ू को खड़ा करके रखने से घर में दरिद्रता का वास हो जाता है। ध्यान रखें की घर में कभी टूटी हुई झाड़ू नहीं होनी चाहिए। झाड़ू को पैर नहीं लगाना चाहिए। शाम के बाद कभी भी घर में झाड़ू न लगाएं। ऐसा करना आपकी आर्थिक स्थिति के लिए खराब हो सकता है।
वास्तु जानकारों का मानना है कि घर में मौजूद वास्तु दोष को दूर करने के लिए हफ्ते में एक दिन पोंछे के पानी में समुद्री नमक डालकर पोंछा लगाएं। इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि ये काम गुरुवार के दिन न करें। देखा जाता है कि घर की जब भी साफ-सफाई होती है तो बहुत से लोग घर में पोछे के लिए पुराना कपड़ा ढूंढते हैं। बहुत बार तो पहने हुए पुराने कपड़े से साफ-सफाई करने लग जाते हैं। ऐसा करना बहुत अशुभ माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की दहलीज पर माँ लक्ष्मी का वास होता है। जब आप घर की साफ-सफाई कर लें तो उसके बाद आपको पोछा लगाए हुए पानी को कभी भी घर की दहलीज पर नहीं डालना चाहिए। ऐसा करना काफी अशुभ माना जाता है क्योंकि घर की जो दहलीज होती है उसे मां लक्ष्मी का प्रवेश द्वार माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस पानी को दहलीज पर डाल देते हैं तो मां लक्ष्मी नाराज होती है। इसलिए यह गलती नहीं करनी चाहिए।
इनके अलावा कुछ और भी अवगुणों का त्याग करके माँ लक्ष्मी की कृपा को प्राप्त किया जा सकता है जिसका विवेचन हमें महाभारत में स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है। नाकर्मशीले पुरुषे वसामि न नास्तिके साङ्करिके कृतघ्ने। न भिन्नवृत्ते न नृशंसवर्णे न चापि चौरे न गुरुष्वसूये॥ चाल्पतेजोबलसत्त्वमानाः ये क्लिश्यन्ति कुप्यन्ति च यत्र तत्र। न चैव तिष्ठामि नरेषु तथाविधेषु संगुप्तमनोरथेषु।। (महा० अनु० दान० ११।७-८) जो पुरुष अकर्मण्य, नास्तिक, वर्णसङ्कर, कृतघ्न, दुराचारी, क्रूर, चोर तथा गुरुजनों के दोष देखनेवाला हो, उसके भीतर मैं निवास नहीं करती हूँ। जिनमें तेज, बल, सत्त्व और गौरव की मात्रा बहुत थोड़ी है, जो जहाँ-तहाँ हर बात में खिन्न हो उठते हैं, जो मन में दूसरा भाव रखते हैं और ऊपर से कुछ और ही दिखाते हैं, ऐसे मनुष्यों में मैं निवास नहीं करती हूँ।
सार यह कि साफ सफाई से वास्तु दोषों का तो शमन होता ही है वहीं, मानसिक स्वास्थ्य सही रहता है घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे घर के सदस्यों को सुख व समृद्धि प्राप्त होती है। -सुमित व्यास, एम.ए (हिंदू स्टडीज़), काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी, मोबाइल – 6376188431
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