Saturday, April 27, 2024
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क्‍या गोचर का मुद्दा हाईजैक हो गया? भाजपा असमंजस में, चुप्‍पी पर भी उठने लगे सवाल…

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जयपुर/बीकानेर (आचार्य ज्योति मित्र) राजस्थान में गोचर, ओरण और चारागाह की भूमि पर राज्य सरकार के अतिक्रमण करने वालों को पट्टे देने के निर्णय पर भाजपा असमंजस की स्थिति में है। पार्टी से ना निगलते बन रहा है ना उगलते बन रहा है। वही, एक समय में भाजपा का चेहरा रहे देवी सिंह भाटी के आह्वान पर राज्य स्तर पर गौ प्रेमियों व भाटी समर्थकों ने धरना देकर इस मुद्दे को हाईजैक कर लिया। पार्टी के कद्दावर नेताओं को किनारे लगाने कि राजनीति में ही उलझी भाजपा का प्रदेश नेतृत्व इस मुद्दे पर मौन रह गया। अब जब बीकानेर में भाटी के धरने को दस दिन से अधिक का समय हो गया है व जिस हिसाब से धरना स्थल पर आमजन वह साधु संतों का आनाजाना जारी है उससे भाजपा की नींद उड़ी हुई है।

अब तो हालात यह है कि मीडिया में भी भाजपा की चुप्पी पर सवाल उठाए जाने लगे है। भाजपा के नेताओं से लोग इस मुद्दे पर खुले में सवालजवाब करने लगे हैं। भाजपा नेता पार्टी लाइन” की बात कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। वहीं, निजी बातचीत में प्रदेश नेतृत्व की कमजोरी की ओर संकेत कर रहे हैं। उधर, आरएसएस व हिंदू जागरण मंच के नेताओं ने भाटी के धरने पर दस्तक देकर भाजपा को यह संकेत दे दिया कि अगर कोई हिंदू भावनाओं की कद्र करता है तो ये संगठन उनके साथ खड़े हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व हिंदू जागरण मंच के इस तरह आ जाने से अब भाजपा नेताओं की नींद उड़ी हुई है। भाजपा की समस्या यह है कि समय रहते प्रदेश नेतृत्व इस मामले में सक्रिय नहीं हुआ, लेकिन अब भाटी के इस मुद्दे को उठाने के बाद से बगले झांक रहा है। इस मुद्दे पर भाजपा को अपना जनाधार खिसकता नजर आ रहा है। राष्ट्रीय संघ सेवक संघ से जुड़े लोग भी अब दबी जुबान से यह कहने लगे हैं कि भाजपा को गाय का मुद्दा छोड़ने की औपचारिक घोषणा कर देनी चाहिए।

आपको बता दें कि शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया पर गौ शाला के लिए जमीन देने वाले जगत मामा के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर एक तरह से इस मुद्दे पर डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश की है। राजनीति के पंडितों का कहना है कि राजे ने प्रदेश नेतृत्व को इशारा किया यदि समय रहते पार्टी इस मुद्दे पर आगे नहीं आई तो पार्टी का बड़ा जनाधार खिसक सकता है।

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