बीकानेर abhayindia.com बिनानी कन्या महाविद्यालय में शनिवार को सीनियर्स छात्राओं ने नव आगन्तुक छात्राओं का स्वागत करते हुए फ्रेषर डे मनाया। फ्रेषर डे के मुख्य अतिथि गौरीशंकर व्यास के कर कमलों द्वारा शिक्षा की देवी सरस्वती माता के तेल चित्र के आगे दीप प्रज्ज्वलित करते हुए एवं पुष्प-सुमन अर्पित करते हुए आगाज किया गया।
महाविद्यालय सचिव गौरीशंकर व्यास ने छात्राओं को इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि महाविद्यालयी षिक्षा आपकों स्वावलम्बी बनाती है और सपनों को साकार करने में आपका सहयोग करती है। यह आपका पहला कदम है। आपको अब और सजग, जिम्मेवार तथा अनुसंधात्मक सोच विकसित करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह आपके कैरियर का ठोस धरातल स्थल है तथा इसे और ठोस बनाना हमारा और आपका दोनों का कर्तव्य है।
कार्यक्रम के एक भाग में सचिव गौरीशंकर व्यास एवं प्राचार्या डॉ. चित्रा पंचारिया ने सत्र 2017 में गोल्ड मैडल प्राप्त छात्राओं को जिनमें कला वर्ग से सुश्री भव्या भोजक एवं कम्प्यूटर वर्ग से सुश्री मनीषा वत्सस को प्राइड ऑफ बिनानी कन्या महाविद्यालय का प्रषस्ति पत्र एवं पारितोषिक देते हुए कहा कि पूर्व में आई गोल्ड मैडल छात्राओं के नक्ष-ए-कदम पर चलते हुए इन छात्राओं ने भी महाविद्यालय का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा है महाविद्यालय परिवार इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण कैटवॉक एवं मिस फ्रेशर का चयन। कैटवॉक के निर्णायक मण्डल में डॉ. शबनम बानो, डॉ. तारा स्वामी एवं भगवती सोनी थे। कैटवॉक तीन चरणों में सम्पन्न हुई। प्रथम चरण में छात्राओं ने अपना परिचय देते हुए अपने लक्ष्य व महत्वाकांक्षा का जिक्र किया, दूसरा राउण्ड प्रोप राउण्ड आयोजित हुआ जिसमें छात्राओं ने प्रोप के साथ नृत्य भंगिमाओं का प्रस्तुतिकरण किया। तीसरे और अन्तिम राउण्ड में प्रश्नोतरी का राउण्ड रहा।
निर्णायक मण्डल के निर्णय के अनुसार छात्रा प्रिया बिस्सा को मिस फ्रेशर, छात्रा शाहिन अख्तर को मिस टैलेण्टेड, भारती आचार्य को मिस पर्सनल्टी, छात्रा सुरभि जोशी को मिस चार्मिग तथा छात्रा दृष्टि को मिस कॉस्ट्यूम का खिताब दिया गया। डॉ. चित्रा पंचारिया, डॉ. सीमा भट्ट, पल्लवी पुरोहित एवं सीमा बिस्सा ने विजेताओं की ताजपोशी की तथा उन्हें बैंज भी पहनाया।
महाविद्यालय प्राचार्या डॉ. चित्रा पंचारिया ने कहा कि शिक्षा अध्ययन के साथ-साथ खेल-कूद एवं मनोरंजन भी विद्यार्थी जीवन का अभिन्न अंग है। इससे एक विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास होता है। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप भी भव्या भोजक एवं मनीषा वत्सस की भांति अपना, अपने परिवार का एवं महाविद्यालय का नाम रोशन करें।