Thursday, January 16, 2025
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बिनानी कन्‍या कॉलेज की पूर्व छात्राओं ने बताया- कैसे मिला राजकीय सेवा में जाने का अवसर

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बीकानेर Abhayindia.com बिनानी कन्या महाविद्यालय की बीए बीकॉम बीसीए तथा बीएससी की स्नातक उतीर्ण छात्राओं को सम्मानित करने के लिए महाविद्यालय में आज बैचलर डिग्री सेलिब्रेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें विशिष्ट अतिथि के तौर पर महाविद्यालय की तीन पूर्व छात्राएं जो राजकीय सेवा में कार्यरत हैं को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में राम कुमार व्यास ने कहा कि विषय का चयन ही सिर्फ सफलता नहीं देता बल्कि पूर्ण मनोयोग के साथ उसका अध्ययन करना भी जरूरी है तभी हम सफल हो सकते हैं।

राजकीय मांडी बाई मिर्धा महाविद्यालय नागौर में सहायक आचार्य अंग्रेजी में कार्यरत अनुराधा छंगाणी, डीएसओ कलेक्टर बीकानेर में कार्यरत प्रीति कुलरिया तथा राजकीय बारह गुवाड़ स्कूल में कंप्यूटर अनुदेशक पद पर कार्यरत अंजली आचार्य को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्रबंध समिति सचिव गौरीशंकर व्यास थे। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत मां शारदे के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन तथा पुष्प सुमन अर्पण कर की गई। उसके पश्चात संगीत विभाग की छात्राओं ने इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कमजोर ना हो प्रार्थना की स्वर लहरियों के साथ किया।

सहायक आचार्य अनुराधा छंगाणी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि लड़कियों के लिए समाज में अनेक प्रतिबन्ध व पूर्वाग्रह है लेकिन उन्हें अपनी लड़ाई स्वयं लड़नी है यदि वे मन में प्रतिबद्धता रखे तो कोई कर्म दुष्कर नहीं है। कंप्यूटर अनुदेशक अंजली आचार्य ने कहा कि मेरा सपना था कि मैं राजकीय सेवा में जाऊं और स्वयं के पैरों पर खड़ी हो लेकिन सपना देखना तो सरल है किंतु उससे निभाना कठिन है लेकिन कठिनाई को लांघने का नाम ही सफलता है।

सूचना सहायक प्रीति कुलरिया ने बताया कि मैंने उन परिस्थितियों में बीसीए का चयन किया जब कंप्यूटर के प्रति छात्राओं में जागरूकता कम थी लेकिन दिल से ठान लिया कि मुझे इसी क्षेत्र में कार्य करना है और निरंतर इस क्षेत्र में लगन के साथ प्रतिबद्ध होकर लगी रही और अंतत: अपने मुकाम को हासिल किया।

प्रबंध समिति सचिव गौरीशंकर व्यास ने कहा कि इस महाविद्यालय की शुरुआत का उद्देश्य यही था की बीकानेर शहर में महिलाओं में उच्च शिक्षा का प्रचार प्रसार करना और आज मुझे इस बात की खुशी है कि बिनानी कन्या महाविद्यालय में इस संकल्प पर निरंतर कार्य कर रही है। जहां तक छात्र की शिक्षा और उसके करियर की बात है तो जो बीज में मौजूद होता है वही वृक्ष के रूप में बाहर आता है। शिक्षक का कार्य उसे बीज को तराश कर उसके फ़लीभूत होने तक के सफर पूर्ण निष्ठा से अपना योगदान देना चाहिए। 37 वर्षो के इस सुनहरे सफर का सबसे सुखद परिणाम यह है आज भी छात्राओ और परिजन का पूर्ण विश्वास महाविद्यालय के साथ है और तीसरी पीढी आज यहां अध्ययन कर रही है। उन्होंने इस सफर के कुछ ऐसी बातें भी साझा की जिससे प्रेरणा मिलती है। महाविद्यालय प्राचार्या डॉ अरुणा आचार्य ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन गजानंद व्यास और डॉ अशोक कुमार व्यास ने किया।

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